आतंकियों को अपने घर में बसाने वाले पाकिस्तान को भारत चारों तरफ से घेर रहा है। पाकिस्तान के नेता अक्सर अपनी परमाणु शक्ति का दंभ भरते नजर आते हैं, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयान ने पाकिस्तान की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। उन्होंने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लाने का सुझाव दिया, जिससे पाकिस्तान बौखला गया और गीदड़भभकी देते हुए कहा कि वह बिना परमाणु हथियारों के भी भारत को रोकने में सक्षम है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की और कहा, "यह गैरजिम्मेदाराना बयान पाकिस्तान की पारंपरिक रक्षा क्षमताओं के प्रति असुरक्षा और हताशा को दर्शाता है। पाकिस्तान की पारंपरिक क्षमताएं भारत के खिलाफ पर्याप्त हैं, बिना किसी सेल्फ इंपोज्ड 'न्यूक्लियर ब्लैकमेल' के, जिससे नई दिल्ली पीड़ित है।"
राजनाथ सिंह की किस टिप्पणी से पाकिस्तान बौखलाया?
राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार जम्मू पहुंचे थे, जहां उन्होंने सैनिकों की युद्ध तत्परता की समीक्षा की। श्रीनगर के बादामी बाग छावनी में भारतीय जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया ने देखा है कि पाकिस्तान ने भारत को कितनी गैरजिम्मेदारी से धमकाया है। आज श्रीनगर की धरती से मैं यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैरजिम्मेदार और दुष्ट देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मेरा मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की निगरानी में ले जाना चाहिए।"
IAEA ने पाकिस्तान की परमाणु सुविधाओं पर क्या कहा?
वैश्विक परमाणु निगरानी संस्था IAEA ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि पाकिस्तान में किसी भी परमाणु सुविधा से कोई रेडिएशन लीक या रिलीज नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने अभी तक राजनाथ सिंह के उस सुझाव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की परमाणु सुविधाओं को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में लाने की बात कही थी।
यह बयान पाकिस्तान की परमाणु हथियारों की सुरक्षा और जवाबदेही को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच आया है, खासकर तब जब पाकिस्तान आतंकवाद को पालने-पोसने और आंतरिक अस्थिरता के लिए जाना जाता है।