आमिर खान की फ़िल्म 'सितारे ज़मीन पर' रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर गई है। फ़िल्म की कहानी स्पैनिश फ़िल्म कैंपियोन्स की कॉपी निकली है। इस फ़िल्म से पहले आमिर खान की कई फ़िल्में और उनके आइडिया भी कॉपी किए जा चुके हैं।
अपनी परफेक्शनिस्ट इमेज के लिए मशहूर आमिर खान इन दिनों कुछ मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं। अपनी पिछली फिल्म लाल सिंह चड्ढा के लिए ट्रोल और बॉयकॉट किए गए एक्टर 3 साल बाद सितारे ज़मीन पर से वापसी कर रहे हैं। लेकिन सीक्वल की रिलीज से पहले ही फिल्म विवादों में घिर गई है। एक तरफ जहां बॉयकॉट टर्की ट्रेंड के चलते फिल्म का बॉयकॉट किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ फिल्म की कहानी स्पेनिश फिल्म कैंपियोनेस की कॉपी निकली है। स्पेनिश फिल्म कैंपियोनेस पर हॉलीवुड ने भी चैम्पियन्स के नाम से फिल्म बगन चुकी है। यह वर्ष 2023 में प्रदर्शित हुई थी। दोनों ही फिल्में एक बास्केटबॉल कोच के इर्द-गिर्द घूमती हैं, जिसे स्पेशल नीड्स वाले खिलाड़ियों की टीम को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी मिलती है।
यह पहला अवसर नहीं है जब आमिर खान ने किसी फिल्म को रीमेक किया हो। सितारे जमीन पर आमिर की ऐसी 12वीं फिल्म है जो रीमेक की गई है। आइए डालते हैं एक नजर आमिर खान की उन फिल्मों पर जो किसी न किसी फिल्म पर आधारित हैं या फिर रीमेक हैं।
# दिल है कि मानता नहीं (1991)
प्रेरणा स्रोत: It Happened One Night (1934)
मुख्य बिंदु: एक अमीर लड़की का भागना और एक पत्रकार के साथ यात्रा – लगभग पूरी कहानी क्लासिक हॉलीवुड फिल्म से ली गई है। इस फिल्म को महेश भट्ट ने निर्देशित किया था। बॉक्स ऑफिस पर इसे बड़ी सफलता मिली थी।
# जो जीता वही सिकंदर (1992)
प्रेरणा स्रोत: Breaking Away (1979)
मुख्य बिंदु: कॉलेज स्पोर्ट्स और साइक्लिंग रेसिंग थीम, भारतीय भावना और पारिवारिक ड्रामा के साथ बनी यह फिल्म निर्देशक मंसूर खान की दूसरी निर्देशित फिल्म है। इस फिल्म का निर्माण नासिर हुसैन ने किया था।
# अकेले हम अकेले तुम (1995)
प्रेरणा स्रोत: Kramer vs. Kramer (1979)
मुख्य बिंदु: तलाक के बाद बच्चे की कस्टडी को लेकर माता-पिता की लड़ाई। भावनात्मक और सामाजिक स्तर पर भारतीय रंगत के साथ पेश की गई कहानी। इस फिल्म के बाद मंसूर खान ने फिल्म उद्योग को बाय-बाय बोल दिया था। आमिर खान उन्हें फिर से फिल्मों में लाने के कई प्रयास कर चुके हैं लेकिन सफलता नहीं मिली है।
# गुलाम (1998)
प्रेरणा स्रोत: On the Waterfront (1954)
मुख्य बिंदु: अपराध की दुनिया में फंसे युवक की आत्म-पहचान और संघर्ष की कहानी। फिल्म का निर्देशन विक्रम भट्ट ने किया था। मुकेश भट्ट द्वारा निर्मित इस फिल्म की सबसे बड़ी बात यह है कि इस फिल्म में रानी मुखर्जी की आवाज अपनी नहीं बल्कि डबिंग कलाकार मोना घोष शेट्टी की है। निर्देशक को लगा था कि उनकी आवाज कर्कश है और उनके किरदार से मेल नहीं खाती।
# मन (1999)
प्रेरणा स्रोत: An Affair to Remember (1957)
मुख्य बिंदु: क्रूज़ पर दो अनजान लोगों की मुलाकात, प्रेम और दोबारा मिलने का वादा – यह पूरी तरह से इस फिल्म का हिन्दी रीमेक है। फिल्म के निर्देशन की कमान इन्द्र कुमार ने संभाली थी, जो इससे पहले आमिर खान और माधुरी दीक्षित को लेकर दिल नामक ब्लॉकबस्टर फिल्म दे चुके थे। इन्द्र कुमार ने उस समय एक साथ तीन ब्लॉकबस्टर फिल्में—दिल, राजा और बेटा—दी थी। मन में एक बार फिर आमिर खान के साथ आए इन्द्र कुमार को उम्मीद थी कि यह फिल्म उन्हें ऊँचाई पर पहुँचाएगी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म पूरी तरह से असफल हो गई थी।
# फना (2006)
प्रेरणा स्रोत: Eye of the Needle (1981)
मुख्य बिंदु: एक महिला का एक रहस्यमय जासूस से प्रेम – और फिर धोखे का अहसास। वर्ष 2001 में प्रदर्शित हुई कभी खुशी कभी गम के बाद फना के जरिये काजोल ने फिल्म उद्योग में वापसी की थी। फिल्म का निर्माण यशराज फिल्म्स के बैनर तले आदित्य चोपड़ा और यश चोपड़ा ने किया था। निर्देशक कुणाल कोहली का था। फिल्म ने वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर 105 करोड़ का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की थी।
26 मई 2006 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई फना को आलोचकों से मिली-जुली से सकारात्मक समीक्षाएं मिलीं, जिन्होंने खान और काजोल के अभिनय, छायांकन और संगीत की प्रशंसा की, जबकि कुछ ने इसके स्वर परिवर्तन और गति की आलोचना की। नर्मदा बांध परियोजना पर खान द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर राजनीतिक विवाद के कारण गुजरात में प्रतिबंधित होने के बावजूद यह वर्ष की छठी सबसे अधिक कमाई करने वाली हिंदी फिल्म थी।
# तारे ज़मीन पर (2007)
प्रेरणा स्रोत: Every Child is Special / Front of the Class (TV फिल्में और डॉक्युमेंट्री)
मुख्य बिंदु: डिस्लेक्सिया से जूझते बच्चे की कहानी। हालांकि प्रस्तुति और निर्देशन में मौलिकता है, लेकिन विषयवस्तु पर सवाल उठे। अपने बेहतरीन प्रस्तुतिकरण और दर्शील सफारी और आमिर खान के जानदार अभिनय के बलबूते पर इस फिल्म ने अलग विषय वस्तु के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की।
बतौर निर्देशक यह आमिर खान की पहली फिल्म थी। हालांकि इस फिल्म को उन्होंने निर्माता और अभिनेता के तौर पर शुरू किया था। फिल्म के निर्देशन की कमान अमोल गुप्ते के हाथों में थी। आधी से ज्यादा फिल्म बनने के बाद आमिर खान को महसूस हुआ कि वो जिस तरह से फिल्म को बनाना चाहते हैं वह बन नहीं रही है। इसके चलते अमोल गुप्ते से उनके क्रिएटिव डिफरेंस होने लगे। नतीजा आपसी सहमति से अमोल गुप्ते अलग हो गए और निर्देशन की कमान आमिर खान ने संभाली। फिल्म प्रदर्शन के बाद कई लोगों ने कहा कि आमिर ने आधी से ज्यादा फिल्म अमोल गुप्ते निर्देशित रखी है।
# गजनी (2008)
प्रेरणा स्रोत: मेमेंटो (Memento, 2000) – क्रिस्टोफर नोलन
मुख्य बिंदु: शॉर्ट-टर्म मेमोरी लॉस और बदले की कहानी पर आधारित यह फिल्म वर्ष 2005 में प्रदर्शित हुई तमिल भाषा के बनी गजनी का हिन्दी रीमेक थी। तमिल में सूर्या ने मुख्य भूमिका निभाई थी। मूल फिल्म का कथानक मेमेंटो और हैप्पी गो लवली से प्रेरित था । आमिर खान और मुरुगादॉस ने मिलकर रीमेक लिखा, जिसमें खान ने हिंदी सिनेमा के दर्शकों की पसंद के अनुसार बदलाव सुझाए। यह फिल्म असिन की पहली हिंदी फिल्म थी। तमिल फिल्म में भी वही नजर आई थीं।
गजनी को क्रिसमस के मौके पर 25 दिसंबर 2008 को सिनेमाघरों में रिलीज़ किया गया, जहाँ यह साल की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म बन गई और घरेलू स्तर पर ₹ 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली पहली बॉलीवुड फ़िल्म बन गई, जिसने 100 करोड़ क्लब बनाया । गजनी का पेड प्रीव्यू कलेक्शन ₹ 2.7 करोड़ था। आमिर के किरदार को गजनी- द गेम नामक एक 3डी वीडियो गेम में दिखाया गया था , जो फ़िल्म पर आधारित है।
# थ्री इडियट्स (2009)
प्रेरणा स्रोत: चेतन भगत का उपन्यास – फाइव पॉइंट समवन
मुख्य बिंदु: कॉलेज जीवन, दोस्ती और शिक्षा व्यवस्था पर कटाक्ष। लेखक को क्रेडिट को लेकर विवाद भी हुआ।
थ्री इडियट्स ने मात्र 4 दिनों में 100 करोड़ रूपए की कमाई करके बॉक्स ऑफिस पर एक नया कीर्तिमान रचा था। इस फिल्म को विश्व स्तर 2126 सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया गया था जिनमें 326 सिनेमाघर विदेश की थी। थ्री इडियट्स भारतीय शिक्षण व्यवस्था पर एक सामाजिक टिप्पणी है। यह बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ क्लब की शुरूआत की थी। घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 202 करोड़ का कारोबार करने में सफल रही इस फिल्म ने वैश्विक स्तर पर 460 करोड़ का कारोबार किया था। जबकि फिल्म की लागत मात्र 39 करोड़ रुपये थी। फिल्म का निर्माण विधु विनोद चोपड़ा ने किया था, जो राजकुमार हिरानी के निर्देशन में इससे पहले मुन्नाभाई एमबीबीएस और लगे रहो मुन्नाभाई बना चुके थे।
# ठग्स ऑफ हिंदोस्तान (2018)
प्रेरणा स्रोत: Pirates of the Caribbean के कैप्टन जैक स्पैरो
मुख्य बिंदु: आमिर का किरदार ‘फिरंगी मल्लाह’ जैक स्पैरो की तरह बोली, बॉडी लैंग्वेज और पोशाक में नजर आया, जिससे फिल्म को काफी आलोचना झेलनी पड़ी। आमिर खान की इस फिल्म के लिए सबसे पहले आदित्य चोपड़ा ने ऋतिक रोशन को लिया था, लेकिन निर्माण में देरी के चलते ऋतिक रोशन ने फिल्म से किनारा कर लिया था। उसके बाद आमिर खान आए।
ठग्स ऑफ हिंदोस्तान अपने समय की हिन्दी सिनेमा की सबसे महंगी फिल्म थी। इस फिल्म पर आदित्य चोपड़ा ने 305 करोड़ का खर्च किया था। प्रदर्शन के दिन 51 करोड़ की कमाई का बैंच मार्क स्थापित करने वाली इस फिल्म को जबरदस्त आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा, नतीजा फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चौथे दिन ही असफल हो गई। 3 दिन में 125 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाली य फिल्म सिर्फ 220 करोड़ कारोबार करने में सफल हुई। यह आमिर खान के करियर की सबसे बड़ी असफल फिल्म रही। दर्शकों ने खुलकर अमिताभ बच्चन की तारीफ की और कहा कि यह सिर्फ उनकी फिल्म है।
# लाल सिंह चड्ढा (2022)
प्रेरणा स्रोत: Forrest Gump (1994)
मुख्य बिंदु: यह फिल्म आधिकारिक हिंदी रीमेक है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई मूल फिल्म की भावनात्मक गहराई को भारतीय स्क्रीन पर दोहराना चुनौतीपूर्ण रहा। यह आमिर खान के करियर की दूसरी सबसे बड़ी असफल फिल्म रही। इसका निर्माण आमिर खान ने ही किया था।
आमिर खान को बॉलीवुड का “मिस्टर परफेक्शनिस्ट” कहा जाता है, लेकिन उनकी कुछ सबसे चर्चित फिल्मों की कहानियां कहीं न कहीं हॉलीवुड या अंतरराष्ट्रीय सिनेमा से प्रेरित रही हैं। हालांकि इन फिल्मों को भारतीय दर्शकों की पसंद और भावनाओं के अनुसार ढाला गया, मगर मौलिकता की बहस हमेशा बनी रही।