प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे एक दर्दनाक भगदड़ मच गई। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए संगम पर ही न जाएं, क्योंकि गंगा हर जगह पवित्र है और वे जहां हैं, वहीं स्नान करें। वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस घटना के लिए वीआईपी कल्चर और सरकार की बदइंतजामी को जिम्मेदार ठहराया। उनका आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण भगदड़ मचने की घटना सामने आई।
भगदड़ की प्रमुख वजहें:
अमृत स्नान के चलते पांटून पुलों का बंद होना: अमृत स्नान के कारण संगम तट पर मौजूद अधिकांश पांटून पुल बंद थे, जिससे करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम पर पहुंचने लगे। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए थे, लेकिन कुछ लोग बैरिकेड्स में फंस गए, जिसके बाद भगदड़ की अफवाह फैल गई।
एंट्री और एग्जिट के रास्तों का एक ही होना: संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। श्रद्धालु जहां से आ रहे थे, उसी रास्ते से लौट रहे थे। इस व्यवस्था के कारण भगदड़ के दौरान लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए और उन्हें बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।
हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।
भगदड़ पर पीएम मोदी का पहला बयान
भगदड़ पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।
योगी सरकार इस्तीफा दे- आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी ने भगदड़ पर प्रतिक्रिया दी। आप के सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा गया- यह बहुत गंभीर मामला है। UP सरकार ने महाकुंभ में पूरे देश और लाखों लोगों को आमंत्रित किया। लेकिन, राज्य के मुख्यमंत्री, जिन्हें व्यवस्थाओं की देखरेख करनी चाहिए थी, वे यूपी छोड़कर भाग गये और दिल्ली में राजनीतिक रैलियां करने लग गए। यह बहुत बड़ी भूल है। BJP सरकार ने धार्मिक आयोजनों को राजनीतिक बना दिया है। वहां VIP और अरबपतियों की चाटुकारिता की जाती है, यह आम श्रद्धालुओं के साथ अन्याय है। वहाँ जो स्थिति बनी, उसके लिए योगी आदित्यनाथ और प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार हैं, उन्हें इसके लिए इस्तीफा दे देना चाहिए।