राम नवमी के पावन अवसर पर जयपुर, जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है, भगवान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। शहर के कोने-कोने में धार्मिक अनुष्ठान, सुंदर भजन, और उत्सव की झलक देखने को मिली। खास तौर पर प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में राम जन्मोत्सव की दिव्यता देखने लायक थी। यहां पंचामृत से ठाकुर श्रीजी का अभिषेक कर जन्म आरती की गई। शाम को भव्य 31,000 दीपों से महाआरती का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के राज्यपाल भी शामिल होंगे। इस पावन घड़ी में 501 किलो मावे का केक ठाकुर जी को अर्पित किया जाएगा, जिसे राज्यपाल स्वयं काटेंगे।
पवित्र जल से जलाभिषेक की परंपरा:
इस मंदिर का निर्माण 1894 में महाराजा राम सिंह की पत्नी गुलाब कंवर धीरावत ने करवाया था और तभी से यहां निरंतर श्रीराम दरबार की सेवा और पूजा होती आ रही है। बीते 131 वर्षों से राम जन्मोत्सव यहां पूरी श्रद्धा और भव्यता से मनाया जाता है। इस वर्ष राम नवमी पर सुबह श्रीराम का भव्य श्रृंगार कर पंचामृत अभिषेक किया गया, जिसमें 101 किलो दूध, दही, घी, शहद और बूरा का प्रयोग हुआ। इसके बाद केसर जल और गुलाब जल से जलाभिषेक कर ठाकुर जी को सुगंधित स्नान कराया गया। दोपहर में जन्म आरती और फिर बधाई गीतों के साथ पूरा वातावरण राममय हो गया।
रामनवमी के पावन अवसर पर जयपुर के चांदपोल स्थित श्रीरामचंद्र जी मंदिर को पीले ध्वजों, फूलों की मालाओं और केसरिया-सफेद गुब्बारों से सजाया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्ति में डूबा नजर आया। मंदिर परिवार के सदस्य कौस्तुभ दाधीच ने बताया कि ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक कर उन्हें रियासतकालीन आभूषणों से विशेष रूप से श्रृंगारित किया गया। इस खास श्रृंगार में कुंदन-मीनाकारी से जड़ा स्वर्ण मुकुट, नथ-बस्सर, सोने-हीरे-माणक की कंठियाँ, पंचमोती की माला, पन्ने का बलेवड़ा, गोखरू और हीरे जड़ित कड़े शामिल थे। भगवान श्रीराम के साथ लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और माता सीता को भी भव्य श्रृंगार से सजाया गया।
चंदन में चांदी की रेखा से तिलक:
भगवान श्रीराम के मुख पर विशेष रूप से चांदी की महीन तार को चंदन में मिलाकर तिलक किया गया ताकि वह दिव्य रूप से चमकता रहे। शाम को मंदिर परिसर में 1100 महिलाओं द्वारा 31,000 दीपों से भगवान श्रीराम की महाआरती की जाएगी। महिलाएं पारंपरिक परिधान और चुनरी धारण कर आरती करेंगी, जिससे दृश्य अत्यंत विहंगम और भक्तिभाव से परिपूर्ण होगा। इससे पहले, गलताजी से रवाना हुई भव्य शोभायात्रा करीब 35 झांकियों के साथ विभिन्न बाजारों से होती हुई देर रात श्रीरामचंद्र जी मंदिर पहुंचेगी। इन झांकियों में भगवान राम के जीवन प्रसंगों को जीवंत रूप से दर्शाया जाएगा। शोभायात्रा का मंदिर परिसर में भव्य स्वागत होगा।