अयोध्या। रामनवमी के मौके पर अयोध्या में लोग हर्षित और उल्लासित हैं। दूरदराज से श्रद्धालु राम मंदिर में पहुंचकर रामलला का दर्शन कर आनंदित हो रहे हैं। चहुंओर हर्षोल्लास का वातावरण है। रामजन्म के बाद कोई बधाई गीत गा रहा है, तो कहीं सोहर गाई जा रही है।
रामनगरी अयोध्या में राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। रामलला का सूर्य तिलक हुआ। भगवान सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर चार मिनट तक अभिषेक करती रहीं। पुराने जाने-पहचाने रास्ते से विचरण करती भगवान भास्कर की तेजोमय रश्मियां घड़ी की सभी सुइयों के इकट्ठे होते ही जैसे ही बालक श्रीराम लला के ललाट पर प्रतिष्ठित हुईं, प्रभु के समक्ष उपस्थित श्रद्धालुगण प्रसन्नता से झूम उठे।
इसी बीच बाबरी के पैरोकार रहे इकबाल अंसारी ने आज रामभक्तों पर पुष्प वर्षा की है। इस दौरान इकबाल अंसारी ने कहा कि यह अयोध्या रामलला की जन्मभूमि है। यहां श्रद्धालु दर्शन के लिए आए हुए हैं। यहां पर गंगा-जमुनी तहजीब है। हमने श्रद्धालुओं पर पुष्प की वर्षा की है। मैं रामनवमी की सबको बधाई देता हूं। अयोध्या आने वाले सभी हमारे मेहमान हैं। यहां पर सरयू नदी है। भगवान राम और बजरंगबली का मंदिर है। यहां पर जो श्रद्धालु निकल रहे हैं, वह हर्षित हैं, इसी कारण हम भी पुष्पों की वर्षा कर रहे हैं।
इस मौके पर इकबाल अंसारी के साथ रामलला के दर्शन कर रहे श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा के साथ जयकारे भी लगाए गए।
गगनभेदी जयकारों ने अयोध्या समेत पूरे विश्व को गुंजायमान कर दिया। जो अयोध्या नहीं पहुंच सके, उन सबने अपने स्थान पर ही श्री रामलला के महामस्तकाभिषेक का सीधा प्रसारण देखा। श्रीराम लला के ललाट तक सूर्य देवता का आशीर्वाद पहुंचाने की व्यवस्था के लिए कल ही अंतिम ट्रायल कर लिया गया था। एक बार यह काम किया जा चुका था, इसलिए अबकी बार इसमें अधिक जटिलताएं नहीं आईं। हालांकि, ऊपरी तलों पर निरंतर निर्माण कार्य के चलते समस्याएं तो थीं ही। धनिया से बने प्रसाद के साथ ही इस बार फलाहारी लड्डुओं का भी प्रसाद है।