मध्य प्रदेश में पिछले 5 महीने में हुई 3.5 लाख मौतें, मई महीने में रिकॉर्ड 1.7 लाख लोगों ने तोड़ा दम: CRS

By: Pinki Sat, 12 June 2021 3:37:02

मध्य प्रदेश में पिछले 5 महीने में हुई 3.5 लाख मौतें, मई महीने में रिकॉर्ड 1.7 लाख लोगों ने तोड़ा दम: CRS

मध्य प्रदेश में इस साल 3.5 लाख मौतें हुई हैं। इस साल जनवरी से मई के बीच साल 2019 के मुकाबले 1.9 लाख ज्यादा मौतें हुई हैं। जबकि सरकार ने जनवरी से मई 2021 के बीच सिर्फ 4,461 कोविड मौतों की जानकारी दी है। मध्य प्रदेश में अप्रैल-मई 2021 में सरकारी आंकड़ों में दर्ज कोविड मौतों से 40% ज्यादा मौतें हुई हैं। जन्म-मृत्यु का हिसाब रखने वाले सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के सरकारी डेटा के मुताबिक मध्य प्रदेश में इस साल मई में 1.6 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। राज्य में मई 2019 में 31 हजार और 2020 में 34 हजार जानें गईं थीं। वहीं, 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 1.6 लाख पहुंच गया। इस साल मार्च में मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा और अप्रैल तक महीनेभर में दर्ज हो रही मौतों की संख्या दोगुनी हो गई। मई में तो छह महीने के बराबर मौतें दर्ज हुई हैं। हालांकि ये जरूरी नहीं कि ये सभी मौतें कोरोना से ही हुई हों।

पिछले साल के मुकाबले इस साल हुई मौतें

वर्ष - 2020 - 2021

जनवरी - 41281 - 44133
फरवरी - 34645 - 36535
मार्च - 29747 - 34566
अप्रैल - 24198 - 68535
मई - 34320 - 164838

भोपाल में अप्रैल-मई 2019 में 528, 2020 में 1204 और 2021 में 11045 मौतें हुई हैं। वहीं इंदौर में अप्रैल-मई 2021 में 19000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें इंदौर में ही हुई हैं। मौतों के ये आंकड़े इंदौर और भोपाल जैसे महानगरों तक ही सीमित नहीं हैं। भोपाल के बाद छोटे शहर जैसे की शाजापुर, नीमच, होशंगाबाद और मंदसौर में सबसे ज्यादा जानें गई हैं। इनमें कई कोरोना से हुई मौतें हो सकती हैं। हालांकि कोविड से मौत उन्हीं की मानी गई, जो टेस्ट कराने पर पॉजिटिव पाए गए और अस्पताल में भर्ती होने के बाद जिनकी मौत हो गई थी।

क्या है सीआरएस?

सीआरएस के तहत ऑफिस ऑफ रजिस्ट्रार जनरल इंडिया, देशभर में जन्म और मृत्यु का हिसाब रखता है। सभी राज्यों को सीआरएस पर मौत और जन्म का आंकड़ा दर्ज करना होता है। भारत में हुई 86% और मध्य प्रदेश में हुई 80% मौतें यहां दर्ज होती हैं।

सिर्फ सीआरएस का ऑल-कॉज मॉर्टेलिटी डेटा ही अतिरिक्त मौतों की संख्या का इकलौता विश्वसनीय अनुमान देता है। ये हर मौत का रिकॉर्ड रखता है, चाहे कहीं भी, किसी भी कारण से हुई हों। भले मेडिकल सर्टिफिकेट हो या नहीं हो।

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