नई दिल्ली: अहमदाबाद में 12 जून को हुए भयावह विमान हादसे की जांच में अब अहम प्रगति देखने को मिल रही है। जांच एजेंसियों को इस त्रासदी की असली वजह जानने में जल्द ही सफलता मिल सकती है। दरअसल, ब्लैक बॉक्स की मेमोरी को सफलतापूर्वक एक्सेस कर लिया गया है और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की लैब में उसका गहन विश्लेषण किया जा रहा है। विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) से प्राप्त की गई जानकारी की बारीकी से जांच चल रही है। इस बात की जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।
ब्लैक बॉक्स की मेमोरी का हो रहा तकनीकी विश्लेषण
मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 से जुड़े ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिए गए हैं, और उन्हें विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है। 13 जून को हुई इस दर्दनाक दुर्घटना के बाद AAIB ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार अपने महानिदेशक के नेतृत्व में एक बहु-विषयक जांच दल का गठन किया। इस दल में एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ, एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारी, और अमेरिका की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) का प्रतिनिधि भी शामिल किया गया है, जिससे जांच और अधिक निष्पक्ष और तकनीकी रूप से मजबूत हो सके।
CVR और FDR को लाया गया दिल्ली – सुरक्षा के साथ
मंत्रालय के अनुसार, विमान से संबंधित दो महत्वपूर्ण उपकरण – कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR), क्रमशः 13 जून को दुर्घटनास्थल पर इमारत की छत से और 16 जून को मलबे से बरामद किए गए। इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए 24 जून को भारतीय वायुसेना (IAF) के विशेष विमान द्वारा ब्लैक बॉक्स अहमदाबाद से दिल्ली स्थित AAIB लैब लाया गया।
24 जून की दोपहर 2 बजे पहला ब्लैक बॉक्स AAIB लैब पहुंचा, वहीं दूसरा ब्लैक बॉक्स उसी शाम AAIB की एक अन्य टीम द्वारा लाया गया। उस शाम AAIB और NTSB के तकनीकी विशेषज्ञों की मौजूदगी में डेटा निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई और सारा डेटा दिल्ली की लैब में सुरक्षित रूप से डाउनलोड किया गया।
हादसे में 241 यात्रियों की दर्दनाक मौत
गौरतलब है कि 12 जून की सुबह, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद मेघानी नगर के पास स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। सिर्फ एक यात्री ही चमत्कारिक रूप से बच पाया, जिसकी हालत भी गंभीर बनी हुई थी। यह घटना देश के विमानन इतिहास में एक और काली तारीख बन गई।