नब्बे के दशक में लगातार मिल रही असफलताओं से हिन्दी सिनेमा के शहंशाह अमिताभ बच्चन का मनोबल पूरी तरह से टूट चुका था। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पिट रही थीं, उनकी प्रोडक्शन कंपनी एबीसीएल घाटे में जा रही थी और वह खुद मान चुके थे कि दर्शकों पर उनकी पकड़ अब कमजोर हो चुकी है। इस हताशा भरे दौर में उन्होंने अभिनय छोड़ने तक का मन बना लिया था।
लेकिन तभी उनके पास आया एक प्रस्ताव, जो उनके करियर की किस्मत बदलने वाला था। यह प्रस्ताव लाए थे हिट मशीन कहे जाने वाले निर्देशक डेविड धवन, जो उस समय गोविंदा के साथ एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्में दे रहे थे। डेविड धवन ने अमिताभ को गोविंदा के साथ काम करने का सुझाव दिया और काफी मनाने के बाद उन्होंने हामी भरी। अमिताभ के लिए यह एक आखिरी कोशिश जैसी थी—और यह कोशिश इतिहास बन गई।
बड़े मियां छोटे मियां नामक यह फिल्म न सिर्फ 1998 की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में शामिल हुई, बल्कि यह बिग बी के करियर को एक नई दिशा देने वाली फिल्म साबित हुई।
फ्लॉप फिल्मों से टूटा मनोबल
अमिताभ बच्चन का करियर 70 और 80 के दशक में शिखर पर था। लेकिन 90 के दशक में उन्होंने जो फिल्में कीं, वे एक के बाद एक असफल रहीं। चाहे ‘तूफान’ हो, ‘जादूगर’ हो या ‘लाल बादशाह’—इन फिल्मों ने ना केवल दर्शकों को निराश किया बल्कि अमिताभ की छवि को भी कमजोर किया।
इसके साथ ही उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी Amitabh Bachchan Corporation Limited (ABCL) की शुरुआत की थी, जो 90 के दशक के अंत तक भारी आर्थिक नुकसान में पहुंच गई। इन सबके चलते बिग बी पूरी तरह निराश हो चुके थे और अभिनय छोड़ने का मन बना चुके थे।
गोविंदा के साथ नया मोड़
ऐसे में डेविड धवन ने उन्हें गोविंदा के साथ एक कॉमेडी फिल्म बड़े मियां छोटे मियां का प्रस्ताव दिया। डेविड धवन पहले से गोविंदा के साथ कई हिट फिल्में दे चुके थे जैसे ‘राजा बाबू’, ‘कुली नंबर 1’ और ‘हीरो नंबर 1’।
गोविंदा उस समय के सुपरस्टार थे और उनकी फिल्मों में जबरदस्त बॉक्स ऑफिस अपील थी। अमिताभ ने इस अवसर को एक आखिरी मौका मानते हुए फिल्म में काम करने की हामी भर दी। फिल्म में दोनों एक जैसे दिखने वाले पुलिसकर्मी और चोर की दोहरी भूमिका में नजर आए।
फिल्म बनी ब्लॉकबस्टर, बिग बी को मिली वापसी
1998 में रिलीज हुई बड़े मियां छोटे मियां ने आते ही धमाका कर दिया। फिल्म ने वर्ल्डवाइड करीब 35.14 करोड़ रुपये की कमाई की और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शुमार हुई।
फिल्म में गोविंदा और अमिताभ बच्चन के साथ रवीना टंडन, राम्या कृष्णन और अनुपम खेर भी थे। कॉमेडी, एक्शन और म्यूजिक से भरपूर इस फिल्म ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। ‘मच्छीवाली’, ‘किसी डिस्को में जाएं’ और ‘दिल मेरा चुराया क्यों’ जैसे गाने सुपरहिट साबित हुए।
फिल्म की ब्लॉकबस्टर सफलता ने ना सिर्फ अमिताभ बच्चन को इंडस्ट्री में फिर से स्थापित किया, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी लौटाया। इसके बाद उन्होंने अपने करियर को नए सिरे से रचना शुरू किया और मोहब्बतें, बागबान, ब्लैक और पा जैसी यादगार फिल्में दीं।
एक साथ दोबारा नजर नहीं आए बिग बी और गोविंदा
हालांकि बड़े मियां छोटे मियां के बाद दर्शकों को उम्मीद थी कि यह जोड़ी फिर से स्क्रीन पर नजर आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कई बार अफवाहें उड़ीं कि दोनों फिर साथ आ सकते हैं, लेकिन कोई परियोजना फाइनल नहीं हो सकी।
इसके बावजूद यह फिल्म दोनों के करियर में एक अहम मील का पत्थर बनकर दर्ज हुई—खासकर अमिताभ बच्चन के लिए, जिनका फिल्मी जीवन इस एक फिल्म से पुनर्जीवित हो गया।
हर कलाकार के जीवन में आता है ऐसा दौर
हर कलाकार के जीवन में एक ऐसा मोड़ आता है जब सब कुछ खत्म होता नजर आता है। अमिताभ बच्चन भी उस दौर से गुज़रे। लेकिन उनकी कहानी बताती है कि हार की कगार से भी वापसी संभव है—अगर वक्त पर सही फैसला लिया जाए। बड़े मियां छोटे मियां सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक मोड़ है अमिताभ के जीवन का, जो यह सिखाती है कि कभी-कभी एक सही सहयोगी आपकी किस्मत बदल सकता है।