कोरोना का कहर अभी भी जारी हैं और इसकी तीसरी लहर की आशंका भी जताई जा रही हैं। ऐसे में एहतियात बरतना बहुत जरूरी हैं। इसलिए त्यौहारों पर बड़े आयोजन करने से बचना जरूरी हैं। कल गणेश चतुर्थी हैं जिसका आयोजन बिहार की राजधानी पटना में महाराष्ट्र मंडल की ओर से किया जाएगा और इसके लिए पुणे से मूर्ती मंगाई गई हैं। हर साल लगभग सात फीट की मूर्ति स्थापित की जाती थी, लेकिन इस बार लगभग ढाई फीट की ही मूर्ति आई है। पटना में महाराष्ट्र मंडल की स्थापना 1974 में की गई थी। करीब 60 वर्षों से यहां पूजा हो रही है।
कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल काफी सादगी तरह से गणेश चतुर्शी मनी थी और लोग मंदिर तक नहीं आए थे। इस बार खुशी है कि लोग मंदिर में प्रवेश पा सकेंगे। मंदिर को सैनेटाइज भी किया जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क की अनिवार्यता रहेगी। महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष वसंत सूर्यवंशी ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन के तहत ही पूरा आयोजन हो रहा है। मंडल से जुड़े अमन जायसवाल ने बताया कि पिछले साल मंदिर आम लोगों के लिए नहीं खोला गया था और 10 लोगों ने ही पूजा कर परंपरा निभाया था। इस बार मंदिर आम लोगों के लिए खुल रहा और लोग यहां आकर गणपति के दर्शन कर सकेंगे। शुक्रवार सुबह 10 बजे गणपति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
इस बार कोरोना गाइडलाइन की वजह से लोगों को प्रसाद नहीं मिल पाएगा। महाराष्ट्र मंडल को खूबसूरती के साथ सजाया गया है। बताया जा रहा है कि लालबाग के राजा का दरबार इस बार लगाया जा रहा है। केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी आरती के समय उपस्थित रहेंगे। महिलाएं एक-दूसरे को हल्दी कुंकम करेंगी और अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी। 14 सितंबर को गणपति को विदा किया जाएगा। हर साल यह पूजा सात दिनों की होती थी, लेकिन इस बार कम दिनों की मनाई जा रही है।