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जानें क्या है Ayushman Bharat Digital Mission, अब हर नागरिक को मिलेगा यूनिक हेल्थ ID

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान (Ayushman Bharat Digital Mission) की शुरुआत कर दी है। इस योजना का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया।

Posts by : Priyanka Maheshwari | Updated on: Mon, 27 Sept 2021 1:54:35

जानें क्या है Ayushman Bharat Digital Mission, अब  हर नागरिक को मिलेगा यूनिक हेल्थ ID

पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान (Ayushman Bharat Digital Mission) की शुरुआत कर दी है। इस योजना का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया। इस फ्लैगशिप योजना का उद्देश्य देशभर में स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल बनाना है। इसके तहत आम लोगों को एक यूनिक हेल्थ आईडी भी मिलेगी, जिसके जरिए उनके स्वास्थ्य का पूरा ब्योरा रखा जाएगा। पीएम-डीएचएम उपयोग में आसान एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा जो डिजिटल स्‍वास्‍थ्‍य इको सिस्टम के अन्तर्गत स्वास्थ्य से जुड़े अन्य पोर्टल के परस्पर संचालन को भी सक्षम बनाएगा।

इस अवसर पर PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान से देश के सामान्य नागरिक की ताकत बढ़ी है। हमारे देश के पास 130 करोड़ आधार नंबर, 118 करोड़ मोबाइल यूजर, 80 करोड़ इंटरनेट यूजर और 43 करोड़ जनधन बैंक खाते हैं, ऐसा दुनिया में कहीं नहीं है। आज राशन से लेकर प्रशासन तक सब डिजिटल हो गया है। उन्होने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिली, इसके साथ ही देश में सभी को मुफ्त वैक्सीन दी जा रही है। अब तक 90 करोड़ वैक्सीन लग चुकी हैं और इसमें कोविन एप का बहुत बड़ा रोल है।

बता दें कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले से इस योजना बारे में जानकारी दी थी। फिलहाल पीएम-डीएचएम छह केंद्र शासित प्रदेशों में पायलेट प्रॉजेक्ट के रूप में चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को इसे अंडमान-निकोबार, चंडीगढ़, दादर नागर हवेली, दमनदीव, लद्दाख और लक्षद्वीप में शुरू किया था। इसे अब पूरे देश में शुरू किया गया है।

क्या है प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन?

जिस तरह से सरकार जन धन, आधार और मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी तरह की डिजिटल पहल शुरू की गई हैं। उसी आधार पर पीएम-डीएचएम स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा। इस अभियान के अंतर्गत नागरिकों की सहमति से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाया जा सकेगा।

सभी नागरिकों को मिलेगी हेल्थ आईडी

प्रधानमंत्री-डीएचएम में प्रत्येक नागरिक के लिए एक स्वास्थ्य आईडी मिलनी है। यह उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी कार्य करेगी, जिससे व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है।

इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (एचपीआर) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (एचएफआर), आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक संग्रह के रूप में कार्य करेंगी। यह चिकित्‍सकों/अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का काम आसान करेगा।

क्या है यूनिक हेल्थ आईडी?

योजना की घोषणा होते ही गूगल प्ले स्टोर पर NDHM हेल्थ रिकॉर्ड (पीएचआर ऐप्लीकेशन) उपलब्ध होगा। उसके जरिए रजिस्ट्रेशन होगा। यूनीक ID 14 डिजिट की होगी। जिनके पास मोबाइल नहीं है, वे रजिस्टर्ड सरकारी-निजी अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, वेलनेस सेंटर और कॉमन सर्विस सेंटर आदि पर कार्ड बनवा सकेंगे। वहां सामान्य सी जानकारियां पूछी जाएंगी। जैसे नाम, जन्म की तारीख, संपर्क आदि।

हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (HFR) इसमें एक कोष (भंडार) की भूमिका निभाएंगे जहां ये डेटा जमा होगा, जिसे हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स से साझा किया जाएगा। इससे डॉक्टर्स/हॉस्पिटल्स का काम थोड़ा आसान होगा।

जरूरी नहीं कि यह आधार कार्ड से ही बनाई जाए, सिर्फ फोन नंबर की मदद से भी यूनिक आईडी बनाई जा सकेगी। आधार को यूनिक हेल्थ आईडी के रूप में इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा सकता?

इसका जवाब देते हुए मंत्रालय ने पहले ही बताया हुआ है कि आधार को सिर्फ उन जगहों पर लिंक करना जरूरी है जहां डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की बात हो। इसका कहीं और इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

दरअसल, कई बार ऐसा होता कि मरीज की पुरानी हेल्थ रिपोर्ट खो जाती है। कार्ड के जरिए आपके स्वास्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज होती रहेगी। पूरी मेडिकल हिस्ट्री अपडेट होगी। ऐसे में जब आप किसी अस्पताल में इलाज कराने जाएंगे, तो आपको पुराने सभी रिकॉर्ड वहीं डिजिटल फॉर्मेट में मिल जाएंगे। यही नहीं, अगर आप किसी दूसरे शहर के अस्पताल भी जाएं तो वहां भी यूनीक कार्ड के जरिए डेटा देखा जा सकेगा। इससे डॉक्टरों को इलाज में आसानी होगी। साथ ही कई नई रिपोर्ट्स या प्रारंभिक जांच आदि में लगने वाला समय और खर्च बच जाएगा।

कार्ड बनने के बाद पिछली सभी रिपोर्ट्स आपको खुद ही स्कैन करके अपलोड करनी होंगी, लेकिन आगे की सभी रिपोर्ट्स अपने आप अपलोड होती रहेंगी। उदाहरण के लिए जब किसी डिस्पेंसरी या अस्पताल में आपकी जांच आदि होगी तो यह आपके यूनीक आईडी कार्ड में दर्ज 14 डिजिट के यूनीक नंबर के जरिए रिपोर्ट्स कार्ड से लिंक हो जाएगी। अस्पताल में NDHM कर्मी इसमें आपकी मदद करने के लिए मौजूद रहेंगे।

PH-DHM का मुख्य उद्देश्य भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और बेहतर करना है। इसे हेल्थकेयर की जरूरतों का वन-स्टॉप सॉल्यूशन बनाने की तैयारी है। इससे हेल्थकेयर सर्विस देने वाले संस्थानों तक पहुंचना ज्यादा आसान होगा और उनकी जवाबदेही भी बढ़ेगी।

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