रामनवमी पर सामने आया राम मंदिर का वीडियो, 50% से ज्यादा निर्माण कार्य हुआ पूरा
By: Priyanka Maheshwari Thu, 30 Mar 2023 09:57:24
रामनवमी पर आज पूरे देश में श्रीरामजन्मोत्व मनाया जा रहा है। रामनवमी के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का एक खूबसूरत वीडियो सामने आया है। इस वीडियो को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। इस वीडियो के साथ उन्होंने लिखा- रामनवमी की मंगलकामनाएं। देशवासियों पर भगवान श्रीराम की असीम अनुकंपा सदा बनी रहे। जय श्रीराम। वहीं वीडियो में देखा जा सकता है कि मंदिर के आधार का निर्माण पूरा हो गया है। शेष बचा काम जल्द ही पूरा हो जाएगा।
आपको बता दे, श्रीराम मंदिर का 50% से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। गर्भ गृह की दीवारें पूरी हो चुकी हैं। चंपत राय के मुताबिक अक्टूबर 2023 तक राम मंदिर का पहला फेज पूरा हो जाएगा। एक से 14 जनवरी 2024 के बीच कभी भी प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है। उनका कहना है कि रामलला की मूर्ति 51 इंच की होगी, जो गर्भगृह में बने चबूतरे पर स्थापित होगी।
रामनवमी की मंगलकामनाएं। देशवासियों पर भगवान श्रीराम की असीम अनुकंपा सदा बनी रहे। जय श्रीराम! pic.twitter.com/4VkY34rZK6
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) March 30, 2023
महासचिव चंपत राय ने कहा कि गर्भगृह के आसपास की दीवारें तैयार हो गई हैं। गर्भगृह के चारों ओर की दीवार के बाद परिक्रमा मार्ग भी बराबर-बराबर ही ऊंचाई पर ले जाया जा रहा है। गर्भगृह में सफेद पत्थर लगा हुआ है, वो मकराना का मार्बल है। गर्भगृह की दीवार, खंभे और फर्श भी मार्बल की होगी, गर्भगृह को छोड़कर पांच मंडप और होंगे। इनमें तीन मंडप प्रवेश द्वार से गर्भगृह की ओर और दो मंडप अगल-बगल होंगे, ये दोनों कीर्तन मंडप होंगे।
पिछले दिनों 15 मार्च को मूर्ति निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट के एक प्रमुख सदस्य और राम मंदिर के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने ठाणे के डोबिवली में मीडिया से कहा था कि जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में, राम लला (बाल भगवान राम) की मूर्ति को उसके मूल स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों स्थापित किया जाएगा।
उनका कहना है कि रामलला की मूर्ति को एक मंदिर में स्थापित करने से पहले लंबे समय तक एक कपड़े के पंडाल में रखा गया था, लेकिन अब भगवान को उनके मूल स्थान पर स्थानांतरित करने का समय आ गया है। मूर्ति को उसके मूल स्थान पर स्थानांतरित करने के बाद भी मंदिर का काम जारी रहेगा। हमारा लक्ष्य गर्भगृह, पहली मंजिल पर काम पूरा करना और जनवरी 2024 से पहले दर्शन की व्यवस्था करना है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुताबिक 1992 से तराशे जा रहे पत्थरों का 10 फीट ऊंचा पिलर चारों तरफ खड़ा हो गया है। अब गर्भगृह के चबूतरे का काम चल रहा है। इसके साथ ही पिलर को और 10 फीट ऊंचा किया जा रहा है, फिर छत डाली जाएगी।