गोंदिया की एक अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता विजय राज को 2020 में लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से सभी धाराओं के तहत बरी कर दिया है। 'शेरनी', 'स्त्री' और 'गली बॉय' जैसी फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता के लिए पहचाने जाने वाले विजय राज पर फिल्म 'शेरनी' की शूटिंग के दौरान एक महिला क्रू सदस्य ने यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। मामला गोंदिया के रामनगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया था और आरोप था कि 25 से 29 अक्टूबर 2020 के बीच शूटिंग के दौरान उनके साथ अनुचित व्यवहार किया गया।
हालांकि, कोर्ट ने सबूतों की कमी और गवाहों की पुष्टि न होने के कारण अभिनेता को दोषमुक्त करार दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र केशाओ सोरटे की अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354A (यौन उत्पीड़न) और 354D (पीछा करने) के तहत दर्ज मामले में यह फैसला सुनाया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्य शिकायतकर्ता गवाही के लिए उपस्थित नहीं हो सकी क्योंकि मुकदमा लंबित रहते हुए उसकी मृत्यु हो गई थी, और बाकी गवाह अपने पूर्व बयान से मुकर गए या आरोपों की पुष्टि नहीं कर सके।
विजय राज को 4 नवंबर 2020 को मध्य प्रदेश के बालाघाट स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया था और उसी दिन जमानत भी मिल गई थी। इस घटना के बाद उन्हें कई पेशेवर असुविधाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि अब कोर्ट के इस फैसले से उन्हें राहत मिली है। उनके वकील सवीना बेदी सच्चर ने कहा कि यह निर्णय उन लोगों के लिए एक संदेश है जो बिना मुकदमे के ही आरोपियों को दोषी मान लेते हैं।
अब जबकि कोर्ट ने विजय राज को सभी आरोपों से बरी कर दिया है, यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि बिना पुख्ता सबूतों के किसी व्यक्ति की छवि को कितना नुकसान पहुंचाया जा सकता है। अदालत ने न सिर्फ विजय राज की जमानत राशि लौटाने का आदेश दिया है, बल्कि केस से संबंधित सीसीटीवी फुटेज को अपील अवधि समाप्त होने के बाद नष्ट करने का निर्देश भी दिया है।