दिल्ली हवाई अड्डे के T1 की छत गिरने की आलोचना के बीच मंत्री ने कहा, 2009 में बना था
By: Rajesh Bhagtani Fri, 28 June 2024 2:41:34
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 पर जो छत गिरी थी, उसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे। इसका निर्माण 2008-09 में हुआ था।
नायडू की यह टिप्पणी कांग्रेस द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद आई है कि जो छत गिरी थी, वह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तारित टर्मिनल 1 का हिस्सा थी, जिसका उद्घाटन इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
दिल्ली हवाई अड्डे पर स्थिति का जायजा लेने के बाद नायडू ने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई इमारत दूसरी तरफ है और जो इमारत यहां गिरी है, वह पुरानी इमारत है और 2009 में खुली थी।"
सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रभावित छत के निर्माण का ठेका जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड ने निजी ठेकेदारों को दिया था।
दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की छत का एक हिस्सा शुक्रवार को भारी बारिश के कारण ढह गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे देश में इसकी जांच की जाएगी और मृतकों के लिए 20 लाख रुपये और घायलों के लिए 3 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की।
मंत्री ने आगे कहा, "हम इस दुखद घटना में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। हमने तुरंत आपातकालीन प्रतिक्रिया दल, अग्नि सुरक्षा दल और सीआईएसएफ तथा एनडीआरएफ की टीमों को भेजा। घटनास्थल पर सभी लोग मौजूद थे और उन्होंने गहन निरीक्षण किया ताकि कोई अन्य हताहत न हो।"
#WATCH | Union Minister of Civil Aviation Ram Mohan Naidu Kinjarapu visited Delhi airports Terminal-1, where a portion of canopy collapsed amid heavy rainfall today, killing one person and injuring several others. pic.twitter.com/2Skd7nvaKp
— ANI (@ANI) June 28, 2024
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो जून में राजधानी में दर्ज की गई सबसे अधिक बारिश में से एक है। राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जलभराव की सूचना मिली है, जिसमें फ्लाईओवर के नीचे वाहन डूबे हुए दिखाई दे रहे हैं।
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि 1936 में जून के महीने में 235 मिमी बारिश हुई थी, आज 1936 के बाद जून के महीने में 228 मिमी की दूसरी सबसे अधिक बारिश हुई है। इतनी भारी बारिश से निपटने के लिए बुनियादी का बुनियादी ढांचा डिज़ाइन नहीं किया गया है।