वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आज देश का बजट पेश कर रही हैं, जिसमें हर सेक्टर के ग्रोथ पर विशेष ध्यान दिया गया है। टूरिज्म सेक्टर के लिए भी अच्छी खबर आई है। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में ‘उड़े देश का आम नागरिक’ यानी उड़ान योजना पर पूरा फोकस किया गया है। इस योजना का उद्देश्य देश के आम नागरिकों को सस्ती हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करना है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार हो सके।
क्या है उड़ान योजना?
उड़ान योजना की शुरुआत 2017 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के छोटे शहरों और कस्बों को हवाई नेटवर्क से जोड़ना था। इस योजना के तहत, सरकार ने हवाई यात्रा को सुलभ और किफायती बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि नए हवाई अड्डों का निर्माण और एयरलाइनों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
बजट 2025 में, वित्त मंत्री ने उड़ान योजना के तहत नए हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स, वाटर एयरोड्रोम्स और एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स के विकास की घोषणा की। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और देश के दूरदराज के क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ना है। ज्ञातव्य है कि अब तक 88 हवाई अड्डों को जोड़ने वाले 619 मार्गों को एक्टिव किया जा चुका है। योजना के तहत 120 नए शहरों को जोड़ा जाएगा। 1 घंटे के ट्रैवल की कीमत लगभग 2500 रुपए तय की गई है।
उड़ान योजना से टूरिज्म को होगा फायदा?
उड़ान योजना के तहत, नागरिक भी हवाई यात्रा का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के माध्यम से, छोटे शहरों और कस्बों को हवाई नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों का विकास होगा। हवाई अड्डों के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है, जैसे कि रोजगार के नए अवसर, टूरिज्म में बढ़ावा और बिजनेस के नए अवसर।
हवाई यात्रा के माध्यम से, लोग कम समय में लंबी दूरी तय कर सकेंगे। उड़ान योजना भारत के हवाई परिवहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो देश के आम नागरिकों को सस्ती और सुलभ हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी।