केंद्र सरकार आज संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने तीखा विरोध जताया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विधेयक केवल वोट बैंक की राजनीति के तहत लाया गया है। उन्होंने भाजपा पर सरकारी संपत्तियों को बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी को केवल जमीनों से प्रेम है। उन्होंने प्रधानमंत्री की योजनाओं की धीमी प्रगति पर भी सवाल उठाए और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के राजनीति को "पार्ट-टाइम जॉब" बताने पर कटाक्ष किया कि केंद्र ऐसे लोगों को पद से हटाने की पहल क्यों नहीं करता।
समाजवादी पार्टी का सख्त रुख
अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी वक्फ बिल का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि जिनके लिए यह बिल लाया जा रहा है, उनकी राय को ही महत्व न देना सरासर अन्याय है। इस मुद्दे पर पार्टी पहले ही अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर चुकी है, जिसके तहत उन्हें आज संसद में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
पहले ही कर चुके हैं विरोध का ऐलान
एक दिन पहले ही अखिलेश यादव ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पार्टी के अब तक के फैसले केवल राजनीतिक लाभ के लिए रहे हैं, लेकिन उनके अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा इस विधेयक के जरिए वक्फ संपत्तियों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करना चाहती है, जिसका समाजवादी पार्टी हर हाल में विरोध करेगी।
#WATCH | Delhi: On the introduction of the Waqf Amendment Bill in Lok Sabha today, Samajwadi Party MP Akhilesh Yadav says, Our party will oppose it... What could be a bigger injustice than not giving importance to the words of the people for whom this bill is being brought?... … pic.twitter.com/xUqJ1NTYTL
— ANI (@ANI) April 2, 2025
वक्फ संशोधन विधेयक की प्रमुख बातें
वक्फ संशोधन विधेयक में कई अहम प्रावधान किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार:
- वक्फ की पुरानी संपत्तियों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा।
- राज्य सरकार की भूमिका बरकरार रहेगी, जिससे प्रशासनिक नियंत्रण बना रहेगा।
- वक्फ बोर्ड में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्य भी शामिल होंगे।
- वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्यीय पैनल होगा, जिससे निर्णय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।
- अब कलेक्टर के स्थान पर जांच के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
- केवल वे व्यक्ति जो पिछले पांच वर्षों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहे हैं, वे ही संपत्ति वक्फ कर सकेंगे।
- 2025 से पहले वक्फ की गई संपत्तियां यथावत रहेंगी, जबकि धर्मार्थ कार्यों के लिए बने ट्रस्ट इस कानून के दायरे में नहीं आएंगे।