जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से घटना की तेजी से जांच की जा रही है और इस दौरान कई महत्वपूर्ण खुलासे हो रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस हमले की जांच कर रही है और उसे यह महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं कि आतंकवादी पहले ही बैसरन क्षेत्र में पहुंच चुके थे। इन आतंकवादियों के निशाने पर केवल बैसरन ही नहीं, बल्कि अन्य तीन प्रमुख पर्यटन स्थल भी थे।
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में संदिग्धों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है। अब तक 2500 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिनमें से 186 लोग अभी भी पूछताछ के लिए हिरासत में हैं। इसके साथ ही, एनआईए ने 80 ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) को भी हिरासत में लिया है और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, NIA की जांच और ओवरग्राउंड वर्कर्स से की जा रही पूछताछ से कई अहम खुलासे हो रहे हैं। हिरासत में लिए गए ओवरग्राउंड वर्कर्स से यह जानकारी मिली है कि पहलगाम आतंकी हमले से दो दिन पहले आतंकवादी बैसरन घाटी में मौजूद थे।
बताया जा रहा है कि ये आतंकवादी हमले से लगभग एक सप्ताह पहले, 15 अप्रैल को पहलगाम पहुंच गए थे। इनके निशाने पर बैसरन घाटी के साथ-साथ पहलगाम के तीन और पर्यटन स्थल भी थे, जहां इन स्थानों की रेकी की गई थी। ये तीन स्थान भी आतंकियों के टारगेट पर थे।
हालांकि, आतंकवादी इन स्थानों पर हमला करने में सफल नहीं हो पाए, क्योंकि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। बैसरन के अलावा, पहलगाम की आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी भी आतंकवादियों के निशाने पर थीं। लेकिन सुरक्षा उपायों के कारण इन पर हमले की योजना विफल हो गई।
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि करीब 20 ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से कई को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार, 4 OGW ने पाकिस्तानी आतंकियों को इन जगहों की रेकी करने में मदद की थी।
इससे पहले जांच में आतंकियों के टूलकिट से जुड़े एक बड़े खुलासे ने सभी को हैरान कर दिया था। इस टूलकिट के माध्यम से आतंकवादियों को कई तरह की हिदायतें दी जाती हैं। इसमें आतंकवादियों को यह बताया जाता है कि वे क्या करें और क्या न करें। टूलकिट के अनुसार, आतंकवादियों को यह सलाह दी जाती है कि वे समय के पाबंद रहें और यात्रा के दौरान इस्लामी पहनावे से बचें, जैसे पैंट और पैजामे को टखनों से ऊपर न रखें। इसके अलावा, उन्हें एक सामान्य पर्यटक जैसा दिखने की सलाह दी जाती है और भारत के विभिन्न शहरों में रीति-रिवाजों के अनुसार कपड़े पहनने की हिदायत दी जाती है।