राजस्थान में लापता लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और प्रदेश में हर दिन महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के लापता होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। पुलिस के लिए इन लापता व्यक्तियों का पता लगाना एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। गुरुवार को जयपुर कमिश्नरेट के चार थाना क्षेत्रों से एक नाबालिग सहित सात युवतियां लापता हो गईं, जिसके बाद पुलिस ने इन लापता बच्चों को तलाशने के प्रयास तेज़ कर दिए हैं।
ndtv की खबर के अनुसार राजस्थान पुलिस ने 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक एक विशेष अभियान "खुशी-9" शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य 18 साल से कम उम्र के लापता बच्चों की खोज करना है। इस अभियान में सक्रिय रूप से काम करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जबकि लापरवाह और उदासीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सिविल राइट्स और एएचटी, मालिनी अग्रवाल ने बताया कि इस अभियान के लिए राज्यभर में थानावार टीमों का गठन किया जा रहा है। राजस्थान पुलिस पहले भी कई अभियानों के तहत गुमशुदा बच्चों को तलाश चुकी है और इस बार भी अभियान के तहत जल्दी से जल्दी बच्चों को ढूंढ़कर उनके परिवारों को सौंपने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
पुलिस मुख्यालय स्तर पर राज्य के सभी जिलों में 1 अप्रैल 2025 से 30 अप्रैल 2025 तक इस अभियान को चलाया जाएगा। अभियुक्तों को पकड़ने और गुमशुदा बच्चों के मामलों को निपटाने के लिए जिला स्तरीय साइबर सैल की भी मदद ली जाएगी और प्रत्येक जिले द्वारा इस अभियान की साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय में सिविल राइट्स और AHT शाखा की मिसिंग पर्सन सैल पर संकलित की जाएगी।