भारत-चीन के बीच बसा है भूटान, अपनी आह्लादित खूबसूरती के लिए खींचता है पर्यटकों को
By: Geeta Sun, 30 July 2023 01:37:33
भूटान एक ऐसा देश है जो पूर्वी हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित है और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सबसे स्वच्छ देशों में से एक है। भूटान को “लैंड ऑफ़ द थंडर ड्रैगन” के नाम से भी जाना जाता है। भूटान एक ऐसा देश है जिसका कोई औपनिवेशिक इतिहास नहीं है और वांगचुक परिवार ने इस देश में एकता बनाए रखी है। भूटान की सीमा भारत के सिक्किम, असम, पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश राज्यों से लगी हुई है। बता दें कि पर्यावरण की रक्षा भूटान का एक संवैधानिक दायित्व और यहां का 60% हिस्सा आज भी जंगल है।
भूटान दुनिया के ऐसे पहले कार्बन नेगेटिव देशों में से एक है जहां तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध है। भूटान देश कई तरह के पर्यटन आकर्षण से भरा हुआ है जो प्रकृति प्रेमी लोगों के लिए स्वर्ग के समान है। बहुत से लोग इनकी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से यहां की यात्रा करना पसंद करते है। चूंकि ये भारत का पड़ोसी देश है, इसलिए भारतीय नागरिकों को यहां जाने के लिए वीजा की परेशानी और पासपोर्ट की जरूरत भी नहीं होती है। भूटान हिमालय पर बसा हुआ दक्षिण एशिया का एक छोटा सा देश है जो एशिया में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ये देश चीन (तिब्बत) और भारत के बीच में है और सैलानियों के बीच भूटान अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर ये देश सैलानियों को कई रहस्यमय चीजों के बारे में बताता है।
पारो
पारो भूटान की पारो घाटी में स्थित एक छोटा शहर है, जो 155 मंदिरों और मठों का घर है। पारो भारी संख्या में दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पारो चू नदी के तट पर लगभग 2280 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो 1259 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। पारो भूटान का तीसरा बड़ा शहर है। पर्यटन की नजर से इसे एक नंबर एक शहर कहा जाता है। आपको बता दे कि भूटान का एक मात्र हवाई हड्डा यहीं है। अगर आप पारो के सभी पर्यटन जगहों का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो कम से कम यहां 3 दिन रुकने का प्लान अपने ट्रिप में ज़रूर शामिल करें। यहाँ कि वास्तुकला दुनिया के लिए एक बेहतरीन उदहारण है। पारो ड्जॉंग भूटान में सबसे प्रभावशाली और प्रसिद्ध डोजों में से एक है। यहां की आकर्षण लकड़ी के ब्रिज सबसे आकर्षण का केंद्र है। प्रकृतिक नजारों का एक बेहतर लुफ्त लेना है तो पारो ज़रूर जाएं। पारो कई सारे आकर्षणों से भरा हुआ है जहां की यात्रा करने के लिए हर किसी को जरुर जाना चाहिए। भूटान के प्रतिष्ठित मठों में से एक टाइगर का घोंसला (Tiger’s Nest) या तख्तसांग है जो पारो शहर में एक चट्टान पर स्थित है। इसके अलावा पारो में ऐसी कई जगह है जो पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा देखी जाती है जिनमें मठों से लेकर कई म्यूजियम के नाम शामिल हैं।
दोचूला पास
भूटान का दूसरा सबसे आकर्षण पर्यटन जगह दोचुला पास है। आपको जन के हैरानी होगी कि दोचुला पास समुद्रतल से इस स्थान की ऊंचाई 3,020 मीटर है। भूटान हमेशा बौद्ध धर्म के लिए जाना जाता है। अगर आप अपनी यात्रा में किसी धार्मिक स्थान को एड करना चाहती है तो दोचुला पास के बौद्ध मंदिर और 108 स्तूपों को लिस्ट में शामिल कर सकती है।
थिम्फू
थिम्फू को भूटान के केंद्र के रूप में जाना जाता है जो देश के मध्य-पश्चिमी भाग में स्थित है। बता दें कि थिम्फू भूटान की राजधानी भी है जिसे पुनाखा के बाद वर्ष 1961 में राजधानी घोषित किया गया था। यह भूटान में एक ऐसी जगह है जिसे अपनी नाईट लाइफ के लिए भी जाना जाता है। तिम्फु देश की एक ऐसी जगह है जहाँ पर आज भी भूटानी परंपराओं पर कायम है क्योंकि इसमें बुद्ध डोरडेन्मा जैसी विभिन्न वास्तुकला संरचनाएँ हैं, जो थिम्फू में प्रवेश के दौरान देखी जा सकती है। यहां पर टेक्सटाइल म्यूजियम, लाइब्रेरी, आर्ट स्कूल और वीकेंड मार्केट यहां के प्रमुख आकर्षण है। थिम्फू, पारो इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक घंटे की ड्राइव पर स्थित है जो परंपरा और आधुनिकता दोनों का मिश्रण है। थिम्फू एक मात्र ऐसी राजधानी है जहां पर कोई ट्रैफ़िक लाइट नहीं है।
वांगड्यू फोडरंग
वांगड्यू फोडरंग भूटान के सबसे बड़े जिलों में से एक है जो मठों और मंदिर से लेकर वन्यजीव और देहाती गांवों से भरा हुआ है। वांगड्यू फोडरंग उत्तर में वांगचुक सेंटेनियल पार्क और दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में जिग्मे दोरजी नेशनल पार्क के साथ कई पौधों और जानवरों की प्रजातियों का घर है। यहां पर पर्यटक ऑर्किड, रोडोडेंड्रोन, ब्लू पॉपी और रेड पांडा, स्नो लेपर्ड, ब्लू शीप और ब्लैक बीयर जैसे दुर्लभ जानवरों को देख सकते हैं। वांगड्यू फोडरंग पर्यटन प्रकृति प्रेमियों के घूमने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है। अगर आप भूटान की यात्रा करने के लिए जा रहें हैं तो आपको वांगड्यू फोडरंग के पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए अवश्य आना चाहिए।
तकशांग लहखांग
तकशांग लहखांग भूटान का राष्ट्रीय स्मारक है। इसे टाइगर नेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। यहां कि बौद्ध मठों का समूह सैलानियों को बहुत आकर्षित करता है। अगर आप एक प्रकृतिक खूबसूरती के चहेते हैं तो तकशांग लहखांग ज़रूर घूमना चाहिए। इसे भूटान में सबसे पवित्र स्थान भी कहा जाता है। अगर आप विराट और अनुष्का की तरह रोमांटिक कपल्स की तरह भूटान को एक्स्प्लोर करना चाहती है तो इस जगह का दौरा कर सकती है।
जकर
जकर चोखोर घाटी की तलहटी में बसा बुमथांग में सबसे बड़ी और सबसे खूबसूरत घाटी है। आपको बता दें कि जकर को “लिटिल स्विट्जरलैंड” के रूप में भी जाना जाता है। जकार बुमथांग जिले का प्रमुख प्रशासनिक शहर है। यह जगह मठों और Dzongs के साथ बिंदीदार वृक्ष-पर्वत श्रृंखलाओं से गिरी हुई है जिसकी वजह से यह इतिहास प्रेमियों और प्रकृति-प्रेमियों दोनों के लिए एक आदर्श स्थल है। जकर कई ऐतिहासिक और पवित्र स्थलों से भरा हुआ है। इसे भूटान में बौद्ध धर्म की उत्पत्ति का बिंदु माना जाता है। अगर आप किसी भूटान में किसी प्राकृतिक जगह की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको जकर की यात्रा करना चाहिए। पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए यहां पर यात्री अन्य गतिविधियों जैसे ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग का भी मजा ले सकते हैं।
बुद्ध प्रतिमा
महान बुद्ध डोरडेन्मा शाक्यमुनी बुद्ध प्रतिमा स्थित है जो विश्व में बुद्ध की कुछ एक सबसे ऊंची प्रतिमाओं में एक है। इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब 169 फीट (51.5Meters) है। ऐसा माना जाता है कि भूटान में बौद्ध धर्म को ज्यादा प्रावधान दिया गया है और यहां पर आधे से ज्यादा लोग गौतम बुद्ध को ही मानते हैं।
पुनाखा/पुनाखा जोंग
भूटान में स्थित पुनाखा शहर में स्थित पुनाखा जोंग भूटान का सबसे बड़ा और प्रमुख बौद्ध मंदिर माना जाता है। भूटान की 2 प्रमुख नदियों पोछू और मोछू के संगम पर स्थित बौद्ध मंदिर और मठ का निर्माण साल 1637 में हुआ था। इस मंदिर और मठ का निर्माण शब्दरूंग नगवांग नामग्याल द्वारा प्रकाशीय कार्यों के संपादन के लिए कराया गया था। इस बौद्ध मंदिर और मठ तक पर्यटक नदी पर पारंपरिक शैली में बने बहुत ही खूबसूरत पुल से होकर ही जाते है और बता दें कि ये पुल खुद में एक दर्शनीय स्थल है।
पुनाखा भूटान का एक प्रमुख शहर है जो समुद्र तल से 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ये शहर पोछू और मोछू नदियों के किनारे बसा हुआ है इस वजह से भी इस शहर की खूबसूरती बहुत अलग है। पुनाखा थिंपू से 77 किलोमीटर है और यह दर्रा अपने शानदार 108 गुम्बदों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ये शहर बहुत ही खूबसूरत माना जाता है और कुछ किलोमीटर में फैला ये शहर आपको शांति, खूबसूरती और आपका मन मोह लेने वाला सुकून दे सकता है।