सिर्फ 24 घंटे में इन 5 आदतों से बढ़ सकता है कोलेस्ट्रॉल, तुरंत करें बचाव!
By: Nupur Rawat Fri, 06 Dec 2024 08:35:48
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन दिल की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल, जो रक्त में वसा के रूप में मौजूद होता है, ब्लड सेल्स में जमने लगता है और रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है। इससे दिल पर दबाव बढ़ता है और हाई ब्लड प्रेशर (BP) की समस्या शुरू हो जाती है। अगर समय पर इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कोलेस्ट्रॉल अचानक क्यों बढ़ता है और इसे नियंत्रित करने के लिए क्या सावधानियां और उपाय जरूरी हैं।
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार और उसका असर
कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
एचडीएल (HDL) – हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन
इसे "अच्छा कोलेस्ट्रॉल" कहा जाता है। यह ब्लड से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाकर लिवर तक ले जाता है, जहां इसे शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
एलडीएल (LDL) – लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन
इसे "खराब कोलेस्ट्रॉल" कहा जाता है। यह ब्लड वेसल्स में जमा हो जाता है और ब्लॉकेज का कारण बनता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
जब एलडीएल का स्तर बढ़ता है और एचडीएल का स्तर घटता है, तो यह दिल की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
अचानक कोलेस्ट्रॉल क्यों बढ़ता है?
कुछ आदतें और जीवनशैली के कारक अचानक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं। आइए इन कारणों पर विस्तार से चर्चा करें।
बहुत ज्यादा कॉफी का सेवन
कॉफी का अत्यधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का एक बड़ा कारण हो सकता है। कॉफी में पाया जाने वाला डाइटरपीन (Diterpenes) नामक रसायन सीधे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित करता है। खासतौर पर बिना फिल्टर वाली कॉफी का सेवन करने से यह असर और तेज हो जाता है।
सावधानी बरतें:
- दिनभर में 2-3 कप से अधिक कॉफी न पिएं
- फिल्टर कॉफी या ग्रीन टी को प्राथमिकता दें
- जरूरत से ज्यादा कैफीन का सेवन करने से बचें
धूम्रपान (स्मोकिंग)
धूम्रपान शरीर के लगभग हर हिस्से को नुकसान पहुंचाता है, और इसका सीधा असर आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल पर पड़ता है। स्मोकिंग से एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है और एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है। निकोटीन रक्त प्रवाह में प्रवेश करके कैटेकोलामाइन नामक न्यूरोट्रांसमीटर को बढ़ाता है, जो एलडीएल को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है।
सावधानी बरतें:
- सिगरेट और तंबाकू का सेवन तुरंत बंद करें
- धूम्रपान छोड़ने के लिए हेल्पलाइन, काउंसलिंग या निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी का सहारा लें
- शराब का सेवन भी सीमित करें, क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल पर समान प्रभाव डाल सकता है
तनाव (हाई स्ट्रेस)
तनाव या मानसिक दबाव शरीर के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ देता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी प्रभावित करता है। तनाव के समय शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है। यह हार्मोन शरीर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करता है। लंबे समय तक तनाव रहने से एलडीएल बढ़ने और एचडीएल घटने लगता है।
सावधानी बरतें:
- तनाव को नियंत्रित करने के लिए नियमित योग, मेडिटेशन और प्राणायाम का अभ्यास करें
- फिजिकल एक्टिविटी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें
- पर्याप्त नींद लें और अनावश्यक दबाव लेने से बचें
अनियमित और अस्वस्थ खानपान
जंक फूड, तली-भुनी चीजें और सैचुरेटेड फैट का अत्यधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का एक मुख्य कारण है। अस्वस्थ खानपान एलडीएल को बढ़ाता है और एचडीएल को घटाता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
सावधानी बरतें:
- ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त फूड्स, जैसे मछली और अलसी के बीज, का सेवन करें
- हरी सब्जियां, फल, और होल ग्रेन को डाइट में शामिल करें
- ट्रांस फैट और चीनी का सेवन कम करें
शारीरिक गतिविधि की कमी
बैठने की आदत और व्यायाम की कमी शरीर में वसा के जमाव को बढ़ाती है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है। नियमित एक्सरसाइज न करने से शरीर में फैट जमा हो जाता है। इससे एलडीएल बढ़ता है और एचडीएल घटता है।
सावधानी बरतें:
- रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें
- वॉकिंग, साइक्लिंग और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें
- लंबे समय तक बैठने से बचें और हर घंटे थोड़ा चलें
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के प्राकृतिक उपाय
नियमित व्यायाम करें: एक्सरसाइज से न केवल वजन कम होता है, बल्कि यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के स्तर को भी बढ़ाने में मदद करता है।
हेल्दी डाइट अपनाएं: खाने में ओट्स, नट्स और फाइबर युक्त फूड्स शामिल करें। ताजे फल और सब्जियां खाएं। फैट कम करें और हेल्दी फैट्स जैसे एवोकाडो और नट्स का सेवन करें।
तनाव कम करें: ध्यान, योग और गहरी सांस लेने की तकनीकें तनाव को कम करने में मदद करती हैं। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं।
डॉक्टर की सलाह लें: अगर कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा हो, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लें और नियमित चेकअप कराएं।