भारतीय रसोई में दालचीनी का विशेष महत्व है। यह न केवल एक मसाले के रूप में उपयोग की जाती है बल्कि आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी बेहद फायदेमंद मानी जाती है। खासतौर पर सर्दी, खांसी और जुकाम में दालचीनी का सेवन कारगर होता है। यह न सिर्फ खाने का स्वाद और सुगंध बढ़ाती है बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजारों में असली दालचीनी के नाम पर अन्य पेड़ों की छाल बेची जा रही है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती है?
अगर आपको भी शक है कि आप असली दालचीनी की जगह नकली दालचीनी का सेवन कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी है। हाल ही में, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर FSSAI ने असली और नकली दालचीनी की पहचान करने के आसान तरीके साझा किए हैं। आइए जानते हैं कि कैसे असली और नकली दालचीनी में फर्क करें।
दालचीनी में हो रही मिलावट: असली और नकली की पहचान कैसे करें?
दक्षिण भारत में दालचीनी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जहां इसके पेड़ की छाल निकालकर बाजार में बेची जाती है। लेकिन कई लोग अधिक मुनाफा कमाने के लिए इसमें मिलावट कर रहे हैं। असली दालचीनी की जगह कैसिया और अमरूद जैसे पेड़ों की छाल का इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि ये दिखने में बिल्कुल दालचीनी जैसी लगती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि असली और नकली दालचीनी में फर्क कैसे करें।
असली दालचीनी की पहचान कैसे करें?
हाथों से छूकर परखें: असली दालचीनी की छाल बाहर से चिकनी होती है और अंदर से ठोस होती है। जबकि नकली दालचीनी, जो अमरूद या कैसिया के पेड़ की छाल से बनाई जाती है, वह बाहर से खुरदरी और अंदर से खोखली होती है।
तोड़कर देखें: असली दालचीनी को हल्के दबाव से आसानी से तोड़ा जा सकता है, जबकि नकली दालचीनी को तोड़ने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
खुशबू से करें पहचान : असली और नकली दालचीनी के बीच अंतर करने के लिए उसकी सुगंध पर ध्यान दें। असली दालचीनी को सूंघने पर तेज और मनमोहक खुशबू आती है, जबकि नकली दालचीनी में कोई खास गंध नहीं होती या फिर उसमें हल्की-सी अप्राकृतिक महक हो सकती है। अगर दालचीनी में बिल्कुल भी खुशबू नहीं आ रही है, तो उसके नकली होने की संभावना अधिक है।
स्वाद से करें परख : असली दालचीनी का स्वाद हल्का मीठा और सुखद होता है, जबकि नकली दालचीनी का स्वाद फीका और बेस्वाद महसूस होता है। अगर आप दालचीनी खरीदते समय उसकी शुद्धता को परखना चाहते हैं, तो उसे हल्का-सा चखकर पहचान सकते हैं। असली दालचीनी तुरंत स्वाद में फर्क महसूस कराएगी, जबकि नकली दालचीनी में वह विशिष्ट मिठास नहीं होगी।
दालचीनी के फायदे (Benefits of Cinnamon)
पाचन तंत्र को मजबूत बनाए : दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाचन को बेहतर बनाते हैं। यह गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
डायबिटीज को नियंत्रित करे : दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक होती है। यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाकर टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकती है।
हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखे : दालचीनी कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित कर हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद करती है।
वज़न घटाने में सहायक : यह मेटाबॉलिज्म को तेज करके फैट बर्न करने में मदद करती है, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है।
इम्यूनिटी को बढ़ाए : दालचीनी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, जिससे सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव होता है।
त्वचा को बनाए चमकदार : इसके एंटीऑक्सिडेंट गुण त्वचा को ग्लोइंग और युवा बनाए रखते हैं। यह मुंहासों और झुर्रियों को कम करने में भी सहायक होती है।
दिमागी सेहत के लिए फायदेमंद : दालचीनी में मौजूद कंपाउंड्स याददाश्त को तेज करने और अल्जाइमर व पार्किंसन जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
सूजन और दर्द को कम करे : दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में फायदेमंद होते हैं।
कैंसर से बचाव में सहायक : इसमें पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
सांसों की दुर्गंध दूर करे : दालचीनी का एंटीबैक्टीरियल प्रभाव मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है और सांसों की बदबू को दूर करने में मदद करता है।
कैसे करें दालचीनी का उपयोग?
- सुबह गुनगुने पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर पी सकते हैं।
- चाय, दूध या डिटॉक्स वॉटर में दालचीनी डालकर सेवन कर सकते हैं।
- खाने में मसाले के रूप में दालचीनी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- त्वचा और बालों की देखभाल के लिए फेस पैक या हेयर मास्क में मिला सकते हैं।
दालचीनी का अधिक सेवन करने से बचें, क्योंकि यह शरीर में गर्मी बढ़ा सकती है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।