सलमान खान की सिकंदर से दर्शकों को बहुत उम्मीदें थी। इस उम्मीदों का कारण था प्रचार, जिसमें इसे सलमान खान की करियर की बेहतरीन फिल्म बताया जा रहा था। पहले टीजर से मीडिया में इस फिल्म को लेकर जो हाइप बनाने का काम शुरू हुआ वह प्रदर्शन के दिन तक अपने चरम पर पहुँच चुका था। दर्शक फिल्म को लेकर इतना उत्साहित हो गया था कि उसने फिल्म को ब्लॉकबस्टर बनाने का पूरा विचार कर लिया था।
एडवांस बुकिंग को लेकर जो समाचार आए उससे उत्साह बढ़ गया। महसूस हुआ यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर विस्फोटक साबित होगी। इस माहौल से इतर फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ लोगों ने फिल्म के आने से पहले ही इस बात कहना शुरू कर दिया था कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी असफल होगी। इन लोगों में वो लोग शामिल थे जो बरसों से सिनेमाघरों में काम करते आ रहे हैं। इन लोगों को दर्शकों की नब्ज का अच्छी तरह से पता है।
फिल्म का पहले दिन का कारोबार कम रहेगा यह बात तभी तय हो गई थी जब ईद 30 मार्च के स्थान पर 31 मार्च को घोषित हुई। सलमान खान की फिल्मों का सबसे बड़ा प्रशंसक वर्ग मुस्लिम है, जो ईद के अवसर पर अपने भाईजान की फिल्म को देखते हुए खुशी महसूस करता है। उसके लिए सलमान खान की फिल्म सबसे बड़ी ईदी होती है। ऐसे में कारोबार में कमी आनी ही थी।
आश्चर्यजनक रहा फिल्म प्रदर्शन के बाद दर्शकों द्वारा उसकी जो खुलकर आलोचना की गई उसने फिल्म के कारोबार को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया। सोशल मीडिया पर पहले शो के बाद ही दर्शकों की नकारात्मक प्रतिक्रियाएँ सोशल मीडिया के जरिये सामने आने लगी। ऐसे में जो लोग फिल्म को करंट में टिकट लेकर देखते हैं उन्होंने मानस बदल लिया। हालांकि ईद के कारण दर्शक जुटे लेकिन मामूली तादाद में। कारोबार में कोई विशेष बढ़ोतरी नहीं।
यही हाल प्रदर्शन के तीसरे और चौथे दिन रहा। कारोबार लगातार कम होता चला गया। फिल्म को दर्शकों के साथ-साथ ट्रेड ने भी पूरी तरह से असफल घोषित कर दिया।
असफलता पर क्या बोले दर्शक
जिन दर्शकों ने फिल्म देखी उन्होंने कहा हमने यह समझ में नहीं आ रहा था कि सलमान खान क्या दिखाना चाहते हैं। लेखक निर्देशक मुरुगादास ने कहानी के नाम पर क्या लिखा और उसके अनुसार क्या दृश्य फिल्माये। न कोई कहानी, न कोई पटकथा। ऐसा लग रहा था जैसे फिल्म के दृश्यों को सलमान खान के सेट पर पहुँचने के बाद तुरन्त लिखा गया हो, जिनका न कोई सिर न पैर नजर आ रहा था। निर्देशक सिर्फ इस बात से खुश नजर आए कि वो सलमान खान को लेकर फिल्म बना रहे हैं। दर्शकों का कहना यह भी रहा कि ऐसा लग रहा था कि निर्देशन मुरुगादास का नहीं है। वह सिर्फ वही कर रहे हैं जो उन्हें सलमान खान कह रहे हैं।
सबसे बड़ी कमी खलनायक
सलमान खान की बदला प्रधान फिल्म होने का तात्पर्य एक मजबूत खलनायक की उम्मीद। सिकन्दर में यही सबसे बड़ी कमी थी। यहाँ खलनायक को कमजोर रखा गया। क्रिया की कोई गुंजाइश नहीं तो प्रतिक्रिया कहाँ से होगी। अगर खलनायक कुछ बुरा नहीं करेगा तो नायक बदला कैसे लेगा। फिल्म की सफलता के जरूरी था कुछ ऐसे दृश्यों की कल्पना जिससे नायक बदला लेने को पूरी तरह से आतुर नजर आए। मुरुगादास एक भी ऐसा दृश्य नहीं लिख पाए।
जबरदस्ती मारा गया नायिका को
रश्मिका मंदाना सलमान खान की पत्नी के रूप में पर्दे पर नजर आई हैं। जो हर दृश्य में यह कहती नजर आ रही हैं कि वो सिकन्दर का बाल भी बांका नहीं होने देंगी। मुरुगादास ने उनकी मौत के लिए जो दृश्य दिखाया वह इतना लचर था जिसने कोई प्रभाव दर्शकों पर नहीं छोड़ा।
दक्षिण भारतीय फिल्मों की तरह सलमान खान और मुरुगादास पारिवारिक रिश्तों को लेकर सामने आए। लेकिन इन रिश्तों में भावनाओं की तीव्रता का पूरी तरह से अभाव नजर आया। एक भी दृश्य ऐसा नहीं था जो दर्शकों के मन को अन्दर तक कचोट सके।
गीत-संगीत ने कोई प्रभाव नहीं छोड़ा
फिल्म का गीत संगीत पूरी तरह निराश करने वाला रहा। हालांकि सुनने में गीत अच्छे लगते हैं लेकिन परदे पर देखते हुए वे पूरी तरह से अप्रभावी नजर आए। फिल्म के अन्त में दिखाया गया गीत जरूर अपनी बीट्स के साथ कुछ प्रभाव छोड़ने में सफल रहा है।
सलमान खान को लेना होगा बड़ा निर्णय
सिकन्दर की असफलता ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि दर्शक अब सलमान खान को बेसिर पैर की फिल्मों में देखना पसन्द नहीं करेगा। उसे ऐसा सलमान खान चाहिए जो उनकी भावनाओं को असरदार तरीके से परदे पर व्यक्त कर सके। उन्हें परदे पर इस तरह से सलमान खान चाहिए जैसे वह उनके लिए समाज से लड़ रहा है।
सलमान खान को अपने करियर को लेकर शाहरुख खान की तरह गौर करना होगा। उन्हें कुछ वक्त के लिए फिल्मों से दूरी बनाते हुए अपनी उम्र के अनुरूप पटकथाओं का चयन करना होगा। सलमान की असफलता में सबसे बड़ा हाथ उनका लगातार परदे पर दर्शकों के सामने आना है। यह सही है कि वे वर्ष में एक बार एक फिल्म में नजर आते हैं। लेकिन इसके अलावा वे टीटी, ओटीटी पर इतना दिखायी देते हैं उन्हें देखने की चाह समाप्त हो जाती है।