महाकुंभ में दूसरे अमृत स्नान के बाद 41 दिनों तक करें इन शिव मंत्रों में से एक का जाप, ग्रहदोष से मिलेगी मुक्ति

By: Saloni Jasoria Fri, 17 Jan 2025 4:01:45

महाकुंभ में दूसरे अमृत स्नान के बाद 41 दिनों तक करें इन शिव मंत्रों में से एक का जाप, ग्रहदोष से मिलेगी मुक्ति

महाकुंभ का पर्व आध्यात्मिक उन्नति और अमृत स्नान के महत्व को दर्शाता है। इस दौरान भगवान शिव की आराधना करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जब शिव ने विषपान किया था, तभी अमृत की बूंदें धरती पर गिरी थीं। इन बूंदों के कारण ही धरती पर चार स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है। महाकुंभ के दौरान यदि शिव मंत्रों का जाप विधि-विधान से किया जाए, तो ग्रहदोष से मुक्ति और अनेक सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

41 दिन तक करें इन मंत्रों का जाप

दूसरे अमृत स्नान के बाद शिव मंत्रों का नियमित जाप करना शुभ फलदायी माना जाता है। मंत्र जाप से पहले संकल्प लें कि आप प्रतिदिन एक निश्चित समय पर 41 दिनों तक जाप करेंगे। इसके साथ ही यह मंत्र जाप गोपनीय रखें। 41 दिनों के पश्चात भगवान शिव की पूजा-अर्चना करें और उन्हें भोग अर्पित करें। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ||


यह महामृत्युंजय मंत्र है, जो शिवपुराण में वर्णित है। इसका जाप सभी बाधाओं को दूर करने और भय से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। यह मंत्र अकाल मृत्यु से रक्षा करता है और जीवन में शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।


यह शिव गायत्री मंत्र है। इसके जाप से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही साहस, सुख, समृद्धि, और मानसिक शांति का अनुभव होता है। यह मंत्र पापों का नाश करने में सहायक माना जाता है।

ॐ नमः शिवाय


यह शिव का पंचाक्षरी मंत्र है और इसे सभी विद्याओं का बीज मंत्र माना जाता है। प्रतिदिन 108 बार इसके जाप से आरोग्यता की प्राप्ति होती है और शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

यह रुद्र मंत्र है, जो जीवन की बाधाओं और बीमारियों को दूर करने में सहायक है। इसे सही उच्चारण के साथ जपने से समस्याओं का निवारण होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
महत्वपूर्ण जानकारी

मंत्र जाप के दौरान शुद्धता और एकाग्रता का विशेष ध्यान रखें। यह भी ध्यान दें कि मंत्र का उच्चारण सही ढंग से हो।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है। इसका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। पाठक अपने विवेक और आस्था के अनुसार इनका पालन करें।)

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