चैत्र नवरात्रि 2023: दुर्गा की 9 शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं मां ब्रह्मचारिणी, जानें पूजन विधि, मंत्र एवं आरती
By: Priyanka Maheshwari Thu, 23 Mar 2023 08:52:26
आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है। ये मां दुर्गा की 9 शक्तियों में से दूसरी शक्ति हैं। तपश्चारिणी, अपर्णा और उमा इनके अन्य नाम हैं। उनके ब्रह्मचारिणी एवं तपश्चारिणी रूप को पूजा जाता है। मां ब्रह्मचारिणी को सरल, सौम्य और शांत माना जाता है। वे अपने तप, त्याग, दृढ़ इच्छाशक्ति के लिए जानी जाती हैं। आप उनके स्वरूप को देखें तो वे सफेद वस्त्र पहनती हैं, हाथ में जप माला और कमंडल धारण करती हैं। जो साधक मां के इस रूप की पूजा करते हैं उन्हें तप, त्याग, वैराग्य, संयम और सदाचार की प्राप्ति होती है और जीवन में वे जिस बात का संकल्प कर लेते हैं उसे पूरा करके ही रहते हैं। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। बता दे, नवरात्रि में 9 देवियों की पूजा करने से नवग्रह दोष दूर होता है, सभी ग्रह अनुकूल फल देते हैं। संकटों से रक्षा होती है।
पूजा विधि
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करते हुए नीचे लिखा मंत्र बोलें।
श्लोक- दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु| देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
ध्यान मंत्र- वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर, अर्पित करें। देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं।
इसके अलावा कमल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं और नीचे लिखे मंत्रों से प्रार्थना करें।
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
अर्थ : हे मां! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं। प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। मां जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में द्वितीय दिन इसका जाप करना चाहिए।
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
इसके बाद देवी मां को प्रसाद चढ़ाएं और आचमन करवाएं। प्रसाद के बाद पान सुपारी भेंट करें और प्रदक्षिणा करें यानी 3 बार अपनी ही जगह खड़े होकर घूमें। प्रदक्षिणा के बाद घी व कपूर मिलाकर देवी की आरती करें। इन सबके बाद क्षमा प्रार्थना करें और प्रसाद बांट दें।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के 5 फायदे
- मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से व्यक्ति कठिन से कठिन हालात में भी नहीं घबराता है। उसकी इच्छाशक्ति दृढ़ हो जाती है।
- कार्यों में सफलता की प्राप्ति होती है। इसके लिए भले ही कठोर परिश्रम करना पड़े। व्यक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं होता है।
- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति के अंदर त्याग, तपस्या, संयम, ब्रह्मचर्य, सदाचार आदि जैसे गुणों का विकास होता है।
- मां ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन की हर समस्याओं का अंत होता है। कष्ट दूर होते हैं।
- कुंडली में मंगल दोष है तो मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से वह दूर हो जाएगा।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।