सरकारी नौकरी छोड़कर यह शख्स कर रहा कैंसर रोगियों का मुफ्त इलाज, विदेशों से भी आते है लोग इलाज करवाने
By: Ankur Wed, 19 Sept 2018 2:00:40
आज के समय में जहां युवावर्ग सरकारी नौकरी को पाने के पीछे लगा हुआ हैं। वही दूसरी और एक शख्स ऐसा हैं जो अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर कैंसर रोगियों का मुफ्त इलाज करने में लगा हुआ हैं। जी हाँ, इनका नाम हंसराज चौधरी हैं और ये राजस्थान के भीलवाडा में रहते हैं। ये अपनी सरकारी नौकरी छोड़ चुके हैं और आयुर्वेद की मदद से कैंसर रोगियों का इलाज करने में लगे हुए हैं। इनकी ख्याति इतनी है कि विदेशों से भी लोग इनसे इलाज करवाने आते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले रायला क़स्बे के हंसराज चौधरी ने अपने क्षेत्र में गरीबों का निशुल्क इलाज करके एक मिसाल कायम कर रहे है। इन्होने आयुर्वेद के माध्यम से कई कैंसर रोगियों का सफल इलाज किया है और अभी भी इस पुण्य कार्य में लगे हुए है। कृषि विभाग से रिटायर्ड हंसराज चौधरी की शुरू से ही आयुर्वेद में रूचि थी और अपने खेत पर विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों को उगाते और उनसे गरीबों का इलाज किया करते थे।
2013 में हुई उत्तराखंड त्रासदी ने चौधरी को अंदर से हिला दिया और उन्होंने गरीबों की सेवा करने के लिए अपनी सरकारी नौकरी से ऐच्छिक सेवानिवृति ले ली। किसान परिवार में जन्मे और संघर्ष के बाद राजकीय सेवा में जाने वाले चौधरी ने अपनी ज़िन्दगी गरीबों की सेवा में समर्पित करने का प्रण लिया और उन्होंने अपने गांव में ही नवग्रह आश्रम नाम से एक संस्था शुरू की जो आज आयुर्वेद इलाज का बड़ा केंद्र बन गयी है।
सेवानिवृति के बाद चौधरी ने बकायदा आयुर्वेद एवं पंचकर्म को गहराई से जानने के लिए डिप्लोमा कोर्स किया तथा देशभर के आयुर्वेदिक केंद्रों एवं जंगलों का भ्रमण कर औषधीय पौधों का संग्रहण करना शुरू कर दिया । उसके साथ ही विभिन्न आयुर्वेदिक उपचार प्रणाली का गहराई से एक्सपर्ट के सान्निध्य में अध्ययन किया।
विगत वर्षों से नवग्रह आश्रम में पहुंचने वाले रोगियों की सेवा कर रहे है। कैंसर के साथ ही अन्य रोगों का भी इलाज यहाँ पर आयुर्वेदिक पद्धति से किया जाता है । वो रोगियों के न केवल इलाज करते है बल्कि उनके साथ आने वाले रिश्तेदारों के खाने-पीने का प्रबंध भी अपने खर्चे से प्रदान करवाते है।
प्रत्येक रविवार यहां मेले सा माहौल लगा रहता है। कोने कोने से हजारों लाखों लोग आश्रम की औषधियों का लाभ ले चुके हैं भारत ही नहीं नेपाल, श्रीलंका, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से रोगी यहां परामर्श एवं उपचार हेतु आते हैं। आयुर्वेद के कई प्रोफेसर, शोध हेतु छात्र-छात्राएं, डॉक्टर फिजियोथैरेपिस्ट यहां रिसर्च के लिए आते हैं। आश्रम का विशेष आकर्षण पुस्तकालय है जहां 200 से अधिक पुस्तकें और 100 से अधिक आयुर्वेदिक ग्रंथ सम्मिलित है।