'बाबा का ढाबा' और 'कांजी बड़े वाले बाबा' के बाद अब बदली 'रोटी वाली अम्मा' की किस्मत, 20 रुपये में खिलाती है भरपेट खाना

By: Pinki Sat, 24 Oct 2020 5:30:08

 'बाबा का ढाबा' और 'कांजी बड़े वाले बाबा' के बाद अब बदली  'रोटी वाली अम्मा' की किस्मत, 20 रुपये में खिलाती है भरपेट खाना

दिल्ली के 'बाबा का ढाबा' और आगरा के 'कांजी बड़े वाले बाबा' के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई 'रोटी वाली अम्मा' की मदद के लिए लोग आगे आ रहे है. आगरा में सड़क किनारे 20 रुपये में लोगों को भरपेट खाना खिलाने वाली 'रोटी वाली अम्मा' का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद उनकी दुकान की तस्वीर बदल गई है। उनकी दुकान पर ग्राहक भी बढ़ गए। इससे वह गदगद हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हाथ पैर चलेंगे, वह काम करती रहेंगी। भगवान देवी के पति की मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद बेटों ने उन्हें घर से निकाल दिया, लेकिन भगवान देवी ने हार नहीं मानी। 80 साल की उम्र में भी वह आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं।

80 साल की अम्मा भगवान देवी आगरा के सेंट जोंस के पास सड़क किनारे रोटी बनाती हैं। 20 रुपये में लोगों को भरपेट भोजन कराती हैं लेकिन कोरोना की वजह से आमदनी बहुत कम रह गई है।

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सड़क किनारे खाना बनाते हुए 'रोटी वाली अम्मा' का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की ओर से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार रुपये दिए गए। डूडा के कर्मचारी 'रोटी वाली अम्मा' के पास लैपटॉप और अन्य कागजात लेकर पहुंचे थे। हाथों-हाथ रजिस्ट्रेशन कराने के बाद रोटी वाली अम्मा के बैंक खाते में धनराशि भेज दी।

डूडा के बाद यूरो सेफ्टी ग्रुप ऑफ कंपनीज ने शुक्रवार को रोजर फाउंडेशन के सहयोग से 'रोटी वाली अम्मा' को स्टोव, सिलिंडर और डिस्पोजेबल बर्तन के साथ आधुनिक वाहन भी दिया गया। इसमें बैटरी, प्रकाश की भी व्यवस्था है। कंपनी के महेश गुप्ता के मुताबिक अम्मा भगवान देवी को स्मार्ट फोन भी उपहार में दिया गया। जिससे वह अपने ग्राहकों से जुड़ सकेंगी।

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गरीबों से नहीं लेती पैसे

'रोटी वाली अम्मा' भगवान देवी मोहन मंदिर गली, बाग मुजफ्फर खां की निवासी हैं। उनके पास ठेले वाले, रिक्शा वाले और मजदूर पेट भरने के लिए आते हैं। वह 20 रुपये में भरपेट भोजन कराती हैं। उनकी थाली में रोटी और सब्जी होती है। आसपास के लोग उन्हें रोटी वाली अम्मा कहते हैं। वह 15 साल से लोगों का पेट भर रही हैं। अगर उनके पास कोई गरीब इंसान आता है तो वह उसे बगैर पैसे लिए भी रोटी खिला देती हैं।

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