लोकसभा चुनाव के नतीजों में हो सकती है देरी, हर विधानसभा क्षेत्र में 5 बूथों पर ईवीएम-वीवीपैट का होगा मिलान
By: Pinki Mon, 08 Apr 2019 3:39:50
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग को ईवीएम और वीवीपैट के मिलान का दायरा बढ़ाने के लिए कहा है। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वालीं सभी विधानसभाओं के 5 बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया जाए। ऐसे में, 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों में भी देरी हो सकती है। उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिए है कि एक लोकसभा सीट की सभी विधानसभा सीटों पर 5 बूथ की ईवीएम पर गिनती होगी। यानी 5 गुना ज्यादा वीवीपैट की गिनती होगी। यानी अगर एक लोकसभा सीट पर 6 विधानसभा हैं तो 30 वीवीपैट की गिनती होगी। इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने की। न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, 'एक निर्वाचन क्षेत्र से एक की बजाए पांच ईवीएम के चुनाव से इसकी प्रमाणिकता, चुनाव प्रक्रिया को लेकर विश्वास न केवल राजनीतिक पार्टियों को बल्कि गरीब लोगों के मन में भी सुनिश्चित हो जाएगा।'
इससे पहले हर विधानसभा के 1 पोलिंग बूथ पर ही पर्चियों का मिलान होता था। इस व्यवस्था के खिलाफ 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
अभी सिर्फ 1 पोलिंग बूथ पर होता है मिलान
मौजूदा प्रणाली के मुताबिक, विधानसभा चुनाव में एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है। वहीं, आम चुनाव में लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों की एक-एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है।
क्या है विपक्ष की मांग
विपक्षी दलों ने मौजूदा लोकसभा चुनाव में नतीजे से पहले 50% ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करने की मांग की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच विपक्षी पार्टियों की 50% पर्चियों के मिलान की मांग पर सहमत नहीं हुई। बेंच ने कहा, इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत पड़ेगी, बुनियादी ढांचे को देखते हुए ये मुमकिन नहीं लगता। इससे पहले सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वीवीपैट स्लिप गिनने का मौजूदा तरीका सबसे उपयुक्त है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी पार्टियों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की हुई है। उनका कहना है कि ऐसा करने से मतदाताओं के बीच वोटिंग मशीनों की गरिमा बनाई रखी जा सकेगी।
इस मामले की शनिवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई थी। जिसमें विपक्ष ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के नतीजों में उन्हें छह दिन की देरी मंजूर है लेकिन 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का मिलान होना चाहिए। उनका कहना है कि चुनाव आयोग का दावा है कि 13।5 लाख ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल चुनाव में होगा।
विपक्ष के किन नेताओं ने दायर की है याचिका
चन्द्रबाबू नायडू के अलावा शरद पवार, केसी वेणुगोपाल, डेरेक ऑब्रान, शरद यादव, अखिलेश यादव, सतीश चंद्र मिश्रा, एमके स्टालिन, टीके रंगराजन, मनोज कुमार झा, फारुख अब्दुल्ला, एस एस रेड्डी, कुमार दानिश अली, अजीत सिंह, मोहम्मद बदरुद्दीन अजमल, जीतन राम मांझी, प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं।
क्या होता है वीवीपैट
2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए चुनाव आयोग ने वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) जारी किया था। जिस कमरे या कम्पार्टमेंट में मतदाता वोट देने जाते हैं, बैलेटिंग यूनिट और वीवीपैट दोनों उसी कमरे में पांच मीटर की केबल की सहायता से कंट्रोल यूनिट से जुड़े होते हैं।
2009 लोकसभा चुनावों के बाद सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा ईवीएम के प्रयोग के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने मशीनों के टैम्पर प्रूफ नहीं होने की बात को स्वीकार किया था। लेकिन इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव आयोग को कोई निर्देश नहीं दिए जाने के कारण स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को चरणबद्ध तरीके से वीवीपैट का उपयोग करने और 2019 तक इनको पूरी तरह से स्थापित कर लेने का आदेश दिया।
क्या है आपके लिए खास
पिछले कुछ समय से कई राजनीतिक पार्टियां ईवीएम को लेकर सवाल खड़े करती रही हैं। उन्होंने आशंका जताई थी कि इसे हैक करके किसी एक पार्टी विशेष के पक्ष में वोट डाले जा सकते हैं। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इसकी प्रामाणिकता को बरकरार रखने के लिए सभी को इसे हैक करने का खुला आमंत्रण दिया था। कोई भी पार्टी इसे हैक नहीं कर पाई थी। हालांकि इसके कारण लोगों के मन में भी इसकी पारदर्शिता को लेकर संदेह पैदा हो गया था। जिसके कारण उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी विधानसभा सीटों पर 5 बूथ की ईवीएम की गिनती करने का आदेश दिया है।