देश में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच पूरे देशवासियों को इंतजार है कि जल्द से जल्द कोरोना की वैक्सीन आ जाए और वे उसे लगा ले, लेकिन हम आपको बता दे आप गलत सोच रहे है। हो सकता है कि आपको टीका न लगे। दरअसल देश में सभी को कोरोना का टीका नहीं लगेगा। सरकार ने मंगलवार को साफ किया कि उसने कभी नहीं कहा था कि पूरी जनसंख्या को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। सिर्फ उतनी ही आबादी का टीकाकरण किया जाएगा, जिससे कोरोना संक्रमण की कड़ी टूट सके। सरकार ने ऑक्सफर्ड वैक्सीन के ट्रायल को भी जारी रखने की बात कही है।
सरकार ने कभी नहीं कहा है कि पूरे देश का टीकाकरण किया जाएगा
स्वास्थ्य मंत्रालय की नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने कहा, 'मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी नहीं कहा है कि पूरे देश का टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण वैक्सीन की प्रभावोत्पादकता पर निर्भर करेगा। हमारा उद्देश्य कोविड-19 संक्रमण की कड़ी को तोड़ना है। अगर हम जोखिम वाले लोगों को वैक्सीन देने में सफल होते हैं और संक्रमण की कड़ी को तोड़ने में सफल होते हैं तो पूरी आबादी के टीकाकरण की जरूरत ही नहीं होगी।'
सरकार ने ऑक्सफर्ड वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले तमिलनाडु के एक शख्स पर कथित दुष्प्रभाव से वैक्सीन की टाइमलाइन प्रभावित होने की आशंका को खारिज किया है। हेल्थ सेक्रटरी राजेश भूषण ने कहा 'इससे टाइमलाइन प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जब भी क्लीनिकल ट्रायल स्टार्ट होते हैं तो जो वॉलंटियर इसमें हिस्सा लेते हैं वे पहले ही एक सहमति पत्र पर दश्तखत करते हैं। पूरी दुनिया में यही होता है। फॉर्म में वॉलंटियर को बताया जाता है कि ट्रायल में कुछ दुष्रप्रभाव भी हो सकते हैं।'
भूषण ने बताया, 'डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड भी डे टु डे आधार पर क्लीनिकल ट्रायल्स की निगरानी कर रहा है और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स पर नजर रखता है। कहीं कोई साइडइफेक्ट की बात होती है तो उसे दर्ज किया जाता है। ड्रग कंट्रोलर जनरल सभी रिपोर्ट्स का विश्लेषण करते हैं और यह पता लगाते हैं कि जो दुष्प्रभाव दिखे हैं वे वाकई वैक्सीन की वजह से हैं या नहीं।'