कर्नाटक चुनाव 2018: सरकार बनाने को लेकर फंसा पेंच, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस-जेडीएस हुए एकजुट
By: Priyanka Maheshwari Wed, 16 May 2018 07:17:11
कर्नाटक में मंगलवार को चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही नया सियासी दंगल शुरू हो गया है। कर्नाटक से होकर दक्षिणी राज्यों में सत्ता का विजयरथ दौड़ाने के लिए जोर लगा रही भाजपा 'प्रवेश द्वार' पर पहुंच गई है। राज्य विधानसभा चुनावों के मंगलवार को घोषित नतीजों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि वह बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल नहीं कर सकी। अब तक के नतीजों में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, जदएस को 38 और अन्य को दो सीटें मिली हैं।
दोपहर तक के रुझानों में पूर्ण बहुमत के करीब दिख रही भाजपा शाम होते-होते सरकार बनाने की दौड़ में पिछड़ती नजर आई। यह देख कांग्रेस प्रदेश की सत्ता की दौड़ में पिछड़ी कांग्रेस ने भाजपा को सरकार बनाने से दूर रखने के मिशन में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जदएस को समर्थन का एलान कर दिया और देवगौड़ा के पुत्र एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया। इसे जदएस ने बिना देर किए स्वीकार कर लिया। कुमारस्वामी ने तत्परता दिखाते हुए राज्यपाल वजूभाई वाला को पत्र लिखकर सूचित किया कि उन्होंने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन स्वीकार कर लिया है।
बाद में वह कांग्रेसी नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने भी पहुंचे। लेकिन दोनों पार्टियों के मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में पेंच फंस गया। कांग्रेस के कुछ लिंगायत विधायकों ने कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध कर दिया है। खबर यह भी आ रही है कि कांग्रेस अपने विधायकों को पार्टी छोड़ने के डर से आंध्र प्रदेश या पंजाब भेजने की योजना बना रही है।
- जेडीएस को कांग्रेस का समर्थन मिलते ही भाजपा में भी हलचल तेज हो गई। पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। येदियुरप्पा ने कांग्रेस पर कर्नाटक के जनादेश को पलटने तथा जनता दल सेकुलर ( जदएस ) के साथ पिछले दरवाजे से सत्ता में लौटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। येदियुरप्पा के दावा पेश करने के 15 मिनट बाद कुमार स्वामी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। उनका कहना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का पहला मौका भाजपा को मिले।
राज्यपाल पर सबकी नजर
कांग्रेस की जेडीएस को समर्थन की पेशकश के बाद अब गेंद राज्यपाल वजूभाई वाला के पाले में है। देखना है कि वे सरकार बनाने का न्योता किसे देते हैं। आमतौर पर सबसे बड़े दल को पहले बुलाने की परंपरा रही है। हालांकि, पिछले साल गोवा में ऐसा नहीं हुआ था। वहां कांग्रेस 16 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी। लेकिन 14 सीट हासिल करने वाली भाजपा ने महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (एमजीपी) समेत 4 दलों का समर्थन हासिल कर पहले दावा पेश कर दिया। तब राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए पहले बुला लिया था।
भाजपा के तीन मंत्री पहुंचे
बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर भाजपा ने सरकार बनाने में पार्टी रणनीतिकारों की मदद लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों धर्मेन्द्र प्रधान, प्रकाश जावड़ेकर और जे पी नड्डा को कर्नाटक भेजा है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कर्नाटक में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है।
त्रिशंकु विधानसभा
कर्नाटक चुनाव के मंगलवार को आए नतीजों में त्रिशंकु विधानसभा की तस्वीर सामने आई है। भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है लेकिन वह बहुमत के आंकड़े से 8 सीट पीछे है। कांग्रेस को 78 सीटों पर जीत मिली है वहीं जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) 37 सीटें जीतने में सफल रही है। वहीं जेडीएस की सहयोगी पार्टी बीएसपी को एक सीट मिली है।
कांग्रेस का जेडीएस को समर्थन
भाजपा जैसे ही बहुमत के आकड़े से दूर हुई, कांग्रेस ने 78 सीटों के बावजूद फुर्ती दिखाते हुए 37 सीटों वाले जेडीएस को समर्थन देने का दांव चल दिया। थोड़ी देर बाद जेडीएस ने भी समर्थन और एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश मंजूर कर ली। शाम को कुमार स्वामी ने राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया।
2004 जैसे हालात
बता दें कि 14 साल पहले 2004 में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। तब भाजपा को 79, कांग्रेस को 65 और जेडीएस को 58 सीटें मिली थीं। इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी जो 20 ही महीने चल पाई।