मोदी कैबिनेट की बैठक से पहले कश्मीर में सभी दलों ने एक साथ की मीटिंग, फारूक अब्दुल्ला बोले - शांत रहें, 35A पर हुई ये बात
By: Pinki Sun, 04 Aug 2019 11:46:00
कश्मीर में तनाव के बीच रविवार को पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और शाह फैसल की पीपुल्स मूवमेंट के नेताओं ने कश्मीर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक की। बैठक में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी शामिल हुईं। पहले यह बैठक पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के निवास पर होनी थी, लेकिन अंतिम समय में एनसी संरक्षक फारूक अब्दुल्ला के घर में स्थानांतरित कर दी गई। बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि किसी सूरत में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा नहीं छीना जाना चाहिए।
बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा, 'मैं राज्य के लोगों से अपील करता हूं कि वे शांत रहें। मैं भारत और पाकिस्तान से अपील करता हूं कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे लोगों को परेशानी हो और दोनों देशों के बीच टेंशन बढ़े। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सेना की तैनाती से लोगों में डर है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि अमरनाथ यात्रा रद्द की गई हो। हालांकि उन्होंने घाटी के लोगों से शांति के लिए सब्र रखने की सलाह दी। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सभी दलों ने एकसुर में फैसला किया कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के विशेष दर्जे, उसकी पहचान और स्वायत्तता को बचाने के लिए एकजुट रहेंगे, चाहे किसी प्रकार के हमले या और कुछ भी हो।' दरअसल अतिरिक्त जवानों की तैनाती, अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सुरक्षा कारणों से घाटी छोड़ने के लिए कहे जाने वाले राज्य प्रशासन के आदेश के बाद कश्मीर में हलचल मची हुई है। जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दल अनुच्छेद 370 को रद्द करने, राज्य को तीन हिस्सों में बांटने या परिसीमन के किसी भी कदम का विरोध करेंगे।'
Srinagar: Leaders of political parties of Jammu and Kashmir gather at the residence of National Conference leader Farooq Abdullah's residence for an All Party meet. pic.twitter.com/rJr76jDMsH
— ANI (@ANI) August 4, 2019
National Conference leader Farooq Abdullah after an All Party meet in Srinagar: It was unanimously decided that all the parties will be united in their resolve to protect & defend identity, autonomy & special status of Jammu & Kashmir and Ladakh, against all attacks, whatsoever. https://t.co/ntYb6rPdV1
— ANI (@ANI) August 4, 2019
उन्होंने कहा, 'कश्मीर के लिए ये बुरा वक्त है। घाटी में फोर्स की तैनाती से डर पैदा हुआ है। जम्मू-कश्मीर में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। घाटी के लोग घबराए हुए हैं। राज्य का विशेष दर्जा बचाने के लिए साथ सब साथ आएं। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सभी पक्ष सभी हमलों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की पहचान, स्वायत्तता और विशेष स्थिति की रक्षा और बचाव के अपने संकल्प में एकजुट होंगे, चाहे जो भी हो। समय से पहले कभी अमरनाथ यात्रा समाप्त नहीं हुई। हमने राज्य की स्थितियों के बारे में अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के साथ एक बैठक की मांग की है और उनसे जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ न करने के लिए कहेंगे।'
इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मीडिया को बताया था कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने श्रीनगर के एक होटल में मिलने का फैसला किया था, लेकिन पुलिस ने किसी भी राजनीतिक बैठक की अनुमति नहीं देने के लिए कहा। उन्होंने कहा, 'यहां के राजनीतिक दलों ने आज एक होटल में एक बैठक आयोजित करने का फैसला किया था। लेकिन पुलिस ने सभी होटलों को एक एडवाइजरी जारी की है कि वे राजनीतिक दलों को अपने परिसर में कोई बैठक न करने दें। अब हम आज शाम 6 बजे मेरे आवास पर बैठक कर रहे हैं।' बाद में बैठक फारूक अब्दुल्ला के आवास में हुई।
महबूबा ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि मुख्यधारा के दल, सिविल सोसाइटी, ट्रेड यूनियन, धार्मिक संगठन और यहां तक कि अलगाववादी इस संकट से लड़ने के लिए एकजुट हों।'
दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि सभी पयर्टक और तीर्थयात्री यथासंभव जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर छोड़ दें। अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू हुई थी। इसका समापन 15 अगस्त को होना था लेकिन इसे बीच में ही समाप्त कर दिया गया है। राज्य के लोगों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा को पहले ही समाप्त करने से कश्मीर घाटी में अफरातफरी का माहौल है, और लोग बुरी परिस्थितियों के लिए जरूरी चीजों की तेजी से खरीदारी कर रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला ने भी अपने संबोधन में इस बात का जिक्र किया।
उधर जम्मू-कश्मीर में जारी सरगर्मी के बीच आज गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों और खुफिया एजेंसी के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में जारी इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गाबा भी मौजूद थे। बैठक के दौरान कश्मीर घाटी के हालात पर चर्चा की गई। दिल्ली में पीएम आवास पर कल यानी सोमवार को सुबह 9:30 बजे कैबिनेट की बैठक होगी। सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार कैबिनेट की इस बैठक में बड़ा फैसला ले सकती है। मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक ऐसे वक्त में बुलाई है जब जम्मू-कश्मीर में अलर्ट को लेकर देश भर में सरगर्मी तेज हैं।
इस बीच सूत्रों से यह भी खबर मिली है कि गृह मंत्री अगले हफ्ते कश्मीर के दौरे पर जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह संसद सत्र खत्म होने के बाद दो दिनों के लिए घाटी के दौरे पर जा सकते हैं। अपने इस दौरे के दौरान वो जम्मू भी जाएंगे।