नवरात्रि में कन्या पूजन के महत्व

By: Sandeep Tue, 19 Sept 2017 11:52:34

नवरात्रि में कन्या पूजन के महत्व

नवरात्री में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर अष्टमी और नवमी को इनकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में कुंवारी कन्याओं को मां दुर्गा के समान पवित्र और पूजनीय माना गया है। अष्टमी व नवमी तिथि पर 2 से 9 वर्ष की कन्याओं का पूजन किए जाने की विशेष परंपरा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, कन्याएं साक्षात माता का स्वरूप मानी जाती है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिबिंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्त का नवरात्र व्रत पूरा होता है। अपने सामर्थ्य के अनुसार उन्हें भोग लगाकर दक्षिणा देने मात्र से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं। आइयें जानते है कि ओर क्या महत्व है कन्या पूजन का -

# नवरात्रो के दौरान सभी दिन एक कन्या का पूजन होता है, जबकि अष्टमी और नवमी पर नौ कन्याओं का पूजन किया जाता है।

# दो वर्ष की कन्या का पूजन करने से घर में दुख और दरिद्रता दूर हो जाती है।

# तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति का रूप मानी गई हैं। जिसके पूजन से घर में धन-धान्य की भरमार रहती है।

# चार साल की कन्या को कल्याणी माना गया है। इनकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है।

facts about girls worship in navratri,navaratri pooja

# पांच वर्ष की कन्या रोहिणी होती हैं। रोहिणी का पूजन करने से व्यक्ति रोगमुक्त रहता है।

# छह साल की कन्या को कालिका रूप माना गया है। कालिका रूप से विजय, विद्या और राजयोग मिलता है।

# सात साल की कन्या चंडिका होती है। चंडिका रूप को पूजने से घर में ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

# आठ वर्ष की कन्या शाम्भवी कहलाती हैं। इनको पूजने से सारे विवाद में विजयी मिलती है।

# नौ साल की कन्या दुर्गा का रूप होती हैं। इनका पूजन करने से शत्रुओं का नाश हो जाता है और असाध्य कार्य भी पूरे हो जाते हैं।

# दस साल की कन्या सुभद्रा कहलाती हैं। सुभद्रा अपने भक्तों के सारे मनोरथ पूरा करती हैं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com