1990 और 2000 के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री रवीना टंडन का करियर कई यादगार फिल्मों और सफल किरदारों से भरा रहा है। लेकिन अगर किसी एक फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टारडम दिलाया, तो वह थी साल 1994 में रिलीज़ हुई 'मोहरा'। यह फिल्म ना सिर्फ एक्शन और थ्रिलर के तगड़े मिश्रण के कारण चर्चा में रही, बल्कि इसके गाने, संवाद और अभिनय ने इसे उस दौर की क्लासिक फिल्मों की श्रेणी में ला खड़ा किया।
रवीना टंडन का फिल्मी सफर और 'मोहरा' की अहमियत
रवीना टंडन ने 1991 में सलमान ख़ान के साथ एक्शन फिल्म ‘पत्थर के फूल’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। हालांकि यह फिल्म एक औसत सफलता रही, लेकिन इंडस्ट्री में उनकी मौजूदगी दर्ज हो गई। लेकिन असली पहचान उन्हें 1994 में आई ‘मोहरा’ से मिली, जिसमें उन्होंने रोमा सिंह का किरदार निभाया। यह फिल्म उनकी उस साल रिलीज़ हुई 10 फिल्मों में सबसे ज्यादा सफल रही और उनके करियर का निर्णायक मोड़ साबित हुई।
‘मोहरा’ का बनना और दिलचस्प किस्से
'मोहरा' की कहानी जितनी दिलचस्प थी, उसके बनने की प्रक्रिया भी उतनी ही रोचक रही। इस फिल्म को राजीव राय ने निर्देशित किया था, जबकि इसके निर्माता उनके पिता गुलशन राय थे। राजीव राय इससे पहले अपने पिता द्वारा निर्मित त्रिदेव और विश्वात्मा बना चुके थे। यह दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर रही थी। विशेष रूप से त्रिदेव, जो अपने एक ही गीत तिरछी टोपी वाले. . . की लोकप्रियता के चलते दर्शकों को आकर्षित करने में सफल रही। मोहरा की स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले शब्बीर बॉक्सवाला ने लिखा, जो उस समय के लिहाज़ से काफी बोल्ड और प्रभावशाली मानी गई।
फिल्म का म्यूज़िक विजू शाह ने दिया, जबकि गीत आनंद बख्शी ने लिखे। मोहरा का गीत संगीत भी जबरदस्त लोकप्रिय हुआ था। अपने समय में इस फिल्म के तीन गीत बड़े हिट हुए थे। "तू चीज़ बड़ी है मस्त मस्त", "ना कजरे की हार ना मोतियों का श्रृंगार ", और "टिप टिप बरसा पानी पानी में आग लगायी " जैसे गाने आज भी श्रोताओं को झूमने पर मजबूर करते हैं।
श्रीदेवी से लेकर रवीना तक – हिरोइन बदलने की कहानी
'मोहरा' में शुरुआत में राजीव राय ने श्रीदेवी को मुख्य भूमिका के लिए चुना गया था, लेकिन उस समय वह पहले से कई प्रोजेक्ट्स में व्यस्त थीं और वे सलमान खान के साथ बन रही 'चंद्रमुखी' जैसी फिल्मों को प्राथमिकता दे रही थीं। इसके बाद राजीव राय ने इस किरदार के लिए दिव्या भारती को चुना। दिव्या भारती को वे अपनी फिल्म विश्वात्मा के जरिये दर्शकों के सामने ला चुके थे। दिव्या उस समय इंडस्ट्री की सबसे चमकती हुई अदाकारा थीं, लेकिन उनके अचानक निधन से फिल्म की योजना बाधित हो गई।
तब जाकर यह रोल रवीना टंडन को मिला और उन्होंने अक्षय कुमार की प्रेमिका रोमा के किरदार को न सिर्फ बखूबी निभाया बल्कि उस दौर की आइकॉनिक ऑनस्क्रीन जोड़ियों में शुमार हो गईं।
'मोहरा' की कहानी और फिल्मी प्रेरणाएं
‘मोहरा’ की कहानी 1987 की हॉलीवुड फिल्म ‘Death Wish 4: The Crackdown’ से प्रेरित मानी जाती है, जबकि इसका क्लाइमेक्स 1992 की हांगकांग फिल्म ‘Hard Boiled’ से प्रेरित था। फिर भी इसकी प्रस्तुति और भारतीय संवेदना के साथ किए गए मेल ने इसे पूरी तरह अलग पहचान दी।
फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, रवीना टंडन, परेश रावल, रजा मुराद, गुलशन ग्रोवर और सदाशिव अमरापुरकर जैसे मजबूत कलाकारों की टीम थी, जिसने कहानी को असरदार बना दिया।
कमाई में भी रही सुपरहिट
महज 3.75 करोड़ रुपये के बजट में बनी 'मोहरा' ने 22.65 करोड़ रुपये की कमाई की और उस साल की दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बनी। केवल 'हम आपके हैं कौन' उससे ऊपर रही। बॉक्स ऑफिस पर मिली जबरदस्त सफलता ने फिल्म को ‘सुपरहिट’ का दर्जा दिलाया और रवीना टंडन को मुख्यधारा की स्टार अभिनेत्रियों की कतार में ला खड़ा किया।
‘मोहरा’ न सिर्फ रवीना टंडन के करियर का टर्निंग पॉइंट रही, बल्कि 90 के दशक की उस पीढ़ी के लिए एक यादगार फिल्म बनी जिसने मसाला एक्शन, रोमांस और दमदार संवादों का सही संगम देखा। फिल्म की लोकप्रियता आज भी उतनी ही बरकरार है, जितनी तीन दशक पहले थी। यही कारण है कि 'मोहरा' को आज भी बॉलीवुड की एवरग्रीन क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है।