इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया है, जिससे पूरे मध्य पूर्व में तनाव की लहर दौड़ गई है। इसी के बाद अब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी इस गंभीर जंग पर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की है और भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़े तनाव के दौरान अमेरिका की भूमिका को याद करते हुए उसकी मौजूदा चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। वहीं, उन्होंने यह भी पूछा कि ईरान-इजराइल संघर्ष में अमेरिका आखिर किस भूमिका में है?
इजराइल ने ईरान पर शुक्रवार को सुबह तड़के एकतरफा अटैक किया था। इस हमले में इजराइल ने ईरान के प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि इस हमले में ईरान को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। साथ ही कई शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत की भी खबर है, जिससे ईरान में आक्रोश बढ़ गया है।
महबूबा मुफ्ती ने अमेरिका को घेरा
महबूबा मुफ्ती ने ईरान पर इजराइल की तरफ से किए गए इस हमले को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी और इजराइल की निंदा करते हुए कहा कि ईरान पर हमला एक और दुस्साहसी और खतरनाक कदम है, जो यह दर्शाता है कि इजराइल अब नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी शक्तियों की इस गंभीर मसले पर चुप्पी बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थिति में अमेरिका की चुप्पी कहीं न कहीं उसकी सहमति को भी दर्शाती है।
Israel’s attack on Iran is yet another brazen act by a state that appears to have gone rogue. The silence of the global community particularly Western powers led by the United States is both alarming and telling. This silence amounts to tacit approval. In the case of…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 13, 2025
“ऑपरेशन सिंदूर के समय एक्टिव थे, अब क्यों गायब हैं?”
महबूबा मुफ्ती ने आगे यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव के मामलों में अमेरिका हमेशा दावा करता रहा है कि उसका हस्तक्षेप संकट को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन जब गाजा पर इजराइल की लगातार बमबारी या ईरान पर नए सिरे से किया गया हमला सामने आता है, तो वही तत्परता और सक्रियता नदारद हो जाती है। उन्होंने इसे वैश्विक राजनीति का दोहरा मापदंड बताया और कहा कि इससे वैश्विक स्थिरता और शांति खतरे में पड़ जाती है।
इतना ही नहीं, उन्होंने मुस्लिम देशों की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया और कहा कि तथाकथित मुस्लिम देशों की यह चुप्पी भी उतनी ही निराशाजनक है, जो इस तरह के अन्याय के सामने न केवल आंखें मूंदे हैं बल्कि अपनी मूल भावनाओं और दावों से भी पीछे हट चुके हैं।
ईरान ने भी किया पलटवार
इजराइल और ईरान के बीच यह तनाव अब युद्ध की स्थिति में बदल चुका है। इजराइल ने शुक्रवार को राजधानी तेहरान समेत कई संवेदनशील ठिकानों पर हमला किया और ईरान के सैन्य तथा परमाणु ठिकानों को ड्रोन के जरिए निशाना बनाया। इस हमले के बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की और इजराइल पर 100 से अधिक ड्रोन दागे। इन हमलों से पूरे क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं।
US ने किया किनारा
इस पूरे मामले में अमेरिका ने अपने आपको सीधे तौर पर शामिल करने से इनकार कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने साफ किया कि यह हमला इजराइल ने अपनी मर्जी से किया है और अमेरिका इसमें किसी भी तरह की भूमिका नहीं निभा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा फोकस फिलहाल क्षेत्र में अमेरिकी बलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए क्योंकि यह हमला इजराइल का एकतरफा निर्णय था।”