हरियाणा की चर्चित यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जो 'Travel with Jo' नाम से देश-विदेश की व्लॉगिंग के लिए जानी जाती हैं, अब पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में सुर्खियों में हैं। 16 मई को गिरफ्तार हुई ज्योति की न्यायिक हिरासत एक बार फिर बढ़ा दी गई है और अब उन्हें 7 जुलाई तक जेल में रहना होगा। सोमवार को हिसार कोर्ट में उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई, जहां कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज करते हुए हिरासत को बढ़ा दिया।
हिरासत और अदालत की कार्यवाही
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद से ही उन्हें विभिन्न चरणों में रिमांड पर लिया गया और फिर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। अब तक ज्योति को दो बार पुलिस रिमांड और दो बार न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। 23 जून को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पेशी में अदालत ने उनकी हिरासत को 7 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया। कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे फिर से खारिज कर दिया।
गिरफ्तारी और आरोपों की पृष्ठभूमि
हिसार के न्यू अग्रसेन कॉलोनी की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा पर पाकिस्तान के उच्चायोग में कार्यरत दानिश नामक व्यक्ति से संबंध रखने और उसके जरिए संवेदनशील जानकारियां साझा करने का गंभीर आरोप है। पुलिस का दावा है कि ज्योति पाकिस्तान दौरे के दौरान उच्चस्तरीय सुरक्षा घेरे में रही, जिसमें ए.के.-47 से लैस गार्ड्स भी उसके साथ देखे गए। यह उच्चस्तरीय सुरक्षा पाकिस्तान की ओर से दी गई थी, जिसने शक को और गहरा किया है। इन तथ्यों के आधार पर पुलिस ने स्पाई एक्ट सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।
पिता और वकील का पक्ष
ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा और उनके वकील कुमार मुकेश ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि ज्योति एक स्वतंत्र व्लॉगर हैं, जो विभिन्न देशों में यात्रा करती रही हैं। उनका किसी भी प्रकार से जासूसी या देश विरोधी गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है। वकील ने कोर्ट से बार-बार जमानत देने की अपील की लेकिन हर बार याचिका खारिज कर दी गई। जेल प्रशासन का कहना है कि फिलहाल ज्योति की शारीरिक और मानसिक स्थिति सामान्य है और उन्हें नियमित देखरेख में रखा गया है।
जमानत याचिका और वीडियो पेशी
अब तक ज्योति की जमानत याचिका 10 जून को डाली गई थी, जिसे 11 जून को खारिज कर दिया गया। 23 जून की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई, जिसमें कोई नया तथ्य सामने नहीं आया, जिससे जमानत मिल सके। कोर्ट ने पुलिस जांच और सबूतों को ध्यान में रखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।
अब तक क्या-क्या हुआ?
—16 मई 2025: ज्योति को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
—17 मई: पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया।
—22 मई: दोबारा रिमांड की मांग पर फिर से हिरासत दी गई।
—26 मई: पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
—9 जून: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई, हिरासत बढ़ाई गई।
—10 जून: जमानत याचिका दायर की गई।
—11 जून: कोर्ट ने याचिका खारिज की।
—23 जून: वीडियो पेशी के बाद न्यायिक हिरासत 7 जुलाई तक बढ़ाई गई।
ज्योति मल्होत्रा का मामला भारत में व्लॉगिंग, सोशल मीडिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच टकराव का उदाहरण बनता जा रहा है। एक तरफ जहां वह सोशल मीडिया पर एक चर्चित चेहरा रही हैं, वहीं दूसरी ओर उन पर लगे जासूसी के आरोप बेहद गंभीर हैं। फिलहाल उनकी जमानत की कोई संभावना नहीं दिख रही है और पुलिस की जांच जारी है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह भारत में व्लॉगिंग और ट्रैवल कंटेंट के पीछे छुपे खतरों को लेकर नई बहस की शुरुआत कर सकता है।