
2025 के स्वतंत्रता दिवस सप्ताहांत पर भारतीय सिनेमाघरों में एक बड़ा टकराव देखने को मिल रहा है—रजनीकांत की कुली और ऋतिक रोशन व जूनियर एनटीआर की वॉर 2। यह मुकाबला न केवल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्क्रीन संख्या और शोकेसिंग के पैमाने के मामले में भी ऐतिहासिक बन चुका है। पूरे भारत में स्क्रीन वितरण के लिहाज़ से वॉर 2 ने एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। फिल्म को लगभग 9,000 स्क्रीन पर रिलीज़ किया जा रहा है, जो किसी भी भारतीय फिल्म की अब तक की सबसे व्यापक थिएट्रिकल रिलीज़ है। दूसरी ओर, कुली, जो हिंदी में डब होकर रिलीज हो रही है, को 1,200 स्क्रीन मिले हैं—जो डब फिल्मों के लिए काफी बड़ी संख्या मानी जाती है, खासकर जब बात हिंदी पट्टी की हो।
अगर हिंदी बेल्ट की बात करें तो वॉर 2 को यहां भारी बढ़त हासिल है। फिल्म को लगभग 5,000 स्क्रीन पर रिलीज़ किया जा रहा है, जो इसे हिंदी बाजार में अब तक के सबसे बड़े ओपनिंग्स में शामिल कर देता है। वहीं कुली के पास हिंदी में 1,200 स्क्रीन हैं। यह अंतर साफ दिखाता है कि हिंदी दर्शकों के बीच वॉर 2 के लिए उत्साह कितना अधिक है और कैसे वाईआरएफ ने अपनी वितरण रणनीति के जरिए पूरे उत्तर भारत में मजबूत पकड़ बना ली है।
दक्षिण भारत की तस्वीर थोड़ी अलग है। यहां कुल स्क्रीन संख्या देश के कुल हिस्से का लगभग 47% है, यानी आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल मिलाकर करीब 4,573 स्क्रीन। ट्रेड रिपोर्ट्स के अनुसार, वॉर 2 को तेलुगू राज्यों—आंध्र और तेलंगाना—में कुली से ज्यादा थिएटर मिले हैं, जो जूनियर एनटीआर की वहां की लोकप्रियता का नतीजा है। इसके विपरीत, तमिलनाडु में कुली को अधिक स्क्रीन्स मिल रही हैं, जबकि वॉर 2 वहां सीमित उपस्थिति दर्ज करा रही है। यह विभाजन दोनों फिल्मों की स्टार पावर और क्षेत्रीय अपील को स्पष्ट करता है—जहां कुली का तमिल बाजार में मजबूत आधार है, वहीं वॉर 2 तेलुगू और हिंदी बाजार में दबदबा बनाए हुए है।
प्रीमियम प्रारूपों की बात करें तो वॉर 2 ने भारत भर के सभी 33 IMAX स्क्रीन बुक कर ली हैं। इसका मतलब है कि बड़े पर्दे पर उच्च-गुणवत्ता वाले अनुभव चाहने वाले दर्शकों के लिए केवल वॉर 2 ही विकल्प होगी। कुली को इस प्रारूप में कोई जगह नहीं मिली है, जो प्रीमियम दर्शकों के खंड में उसकी पहुंच को सीमित कर सकती है।
कुल मिलाकर, स्क्रीन संख्या के लिहाज़ से वॉर 2 को पूरे भारत में भारी बढ़त मिली है—चाहे वह हिंदी बेल्ट हो, दक्षिण भारत के तेलुगू बाजार हों, या प्रीमियम IMAX शोकेसिंग। हालांकि, तमिलनाडु जैसे क्षेत्रों में कुली की पकड़ यह साबित करती है कि क्षेत्रीय वफादारी और स्टार पावर अब भी बॉक्स ऑफिस समीकरणों में बड़ी भूमिका निभाती हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि स्क्रीन वितरण का यह असमान संतुलन आखिरकार बॉक्स ऑफिस नतीजों में कैसे बदलता है।














