देश में सड़क सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार ने दोपहिया वाहनों के लिए बड़ा कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक मसौदा अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत अब बाइक या स्कूटर खरीदते समय दो हेलमेट मिलना अनिवार्य होगा। साथ ही, 1 जनवरी 2026 से 50 सीसी से अधिक क्षमता या 50 किमी/घंटा से तेज गति वाले सभी नए दोपहिया वाहनों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) भी जरूरी होगा।
अब दो हेलमेट देना होगा अनिवार्य
अब तक वाहन निर्माता केवल चालक के लिए एक हेलमेट देते थे, लेकिन पीछे बैठने वाले यात्री के लिए यह सुविधा नहीं होती थी। सरकार के नए नियमों के अनुसार, वाहन निर्माता को बीआईएस मानकों के अनुरूप दो हेलमेट देने होंगे। इससे न केवल चालक की, बल्कि पीछे बैठने वाले यात्री की भी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। यह नियम केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन के रूप में प्रस्तावित किया गया है और राजपत्र में प्रकाशन के तीन महीने बाद से लागू हो जाएगा।
हालांकि, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के तहत धार्मिक कारणों या अन्य विशेष परिस्थितियों में कुछ व्यक्तियों को इस नियम से छूट दी जा सकती है।
ABS अनिवार्यता: ब्रेकिंग के दौरान सुरक्षा में इजाफा
ABS यानी एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम अब 1 जनवरी 2026 से सभी L2 श्रेणी के दोपहिया वाहनों के लिए अनिवार्य होगा, जिनकी इंजन क्षमता 50 सीसी से अधिक है या अधिकतम रफ्तार 50 किमी/घंटा से ज्यादा है। ABS के जरिए अचानक ब्रेक लगाने पर वाहन के पहिये लॉक नहीं होंगे, जिससे फिसलने, स्किडिंग और संतुलन बिगड़ने की आशंका कम हो जाएगी।
नया ABS सिस्टम भारतीय मानक IS14664:2010 के अनुरूप होगा, जिससे इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। यह तकनीक विशेष रूप से युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में तेज रफ्तार से चलने वाले दोपहिया वाहनों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगी।
आम जनता से मांगे गए सुझाव
सरकार ने इन प्रस्तावों को अंतिम रूप देने से पहले 30 दिनों तक के लिए सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए खोला है। आम नागरिक, वाहन निर्माता, सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ या संस्थान अपनी राय या सुझाव comments-morth@gov.in पर भेज सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि नीतियां ज्यादा व्यापक, प्रभावी और स्वीकार्य हों।
सरकार के ये दोनों कदम — दो हेलमेट की अनिवार्यता और ABS को अनिवार्य करना — देश में दोपहिया वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। हेलमेट सिर की चोटों से बचाता है तो ABS वाहन को नियंत्रण में रखता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सरकार अब सड़क सुरक्षा को लेकर और अधिक गंभीर और व्यावहारिक रुख अपना रही है, जो देशभर के नागरिकों के लिए राहतकारी और जीवनरक्षक साबित हो सकता है।