जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। इस दर्दनाक घटना में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही है।
गांगुली का कहना है कि भारत को अब पाकिस्तान के साथ सभी क्रिकेट संबंधों को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर देना चाहिए। पिछले कई वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली गई है। दोनों टीमों के बीच मुकाबले केवल आईसीसी टूर्नामेंट जैसे टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे आयोजनों में ही होते रहे हैं।
"पाकिस्तान के साथ कोई क्रिकेट संबंध नहीं होना चाहिए"
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सौरव गांगुली ने साफ तौर पर कहा, "100 प्रतिशत, पाकिस्तान के साथ क्रिकेटिंग रिलेशन खत्म कर देना चाहिए। अब सख्त कदम उठाने का समय है। यह कोई मजाक नहीं है। हर साल इस तरह की घटनाएं होती हैं और हमें अब आतंकवाद के खिलाफ सख्ती से खड़ा होना होगा।"
2008 के बाद से भारत ने पाकिस्तान में कोई क्रिकेट श्रृंखला नहीं खेली है। आखिरी बार दोनों देशों ने 2012-13 में द्विपक्षीय श्रृंखला खेली थी। उसके बाद से राजनीतिक तनाव और सुरक्षा चिंताओं के चलते कोई सीरीज आयोजित नहीं की गई।
हाइब्रिड मॉडल और हालिया स्थिति
हाल ही में आयोजित एशिया कप के दौरान भी भारत ने पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार कर दिया था। इसके स्थान पर भारतीय टीम ने हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने सभी मैच दुबई में खेले थे। यही मॉडल अब आने वाले आईसीसी टूर्नामेंट्स (2024-27 सत्र) के लिए भी अपनाया जाएगा। आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने इस संबंध में निर्णय लिया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में आयोजित होने वाले टूर्नामेंट्स हाइब्रिड मॉडल पर आधारित होंगे।
केंद्र सरकार की कूटनीतिक कार्रवाई
पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए इस हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने अटारी में स्थित एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर अपने देश लौटने का आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं, दोनों देशों के उच्चायोगों में कार्यरत अधिकारियों की संख्या भी कम की जा रही है।
सौरव गांगुली के इस बयान के बाद सोशल मीडिया और क्रिकेट जगत में इस मुद्दे को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। अब यह देखना होगा कि सरकार और बीसीसीआई इस मुद्दे पर क्या अगला कदम उठाते हैं।