भारतीय क्रिकेट में एक नई उपलब्धि जुड़ गई है और इसका श्रेय जाता है उपकप्तान ऋषभ पंत को, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ जारी पहले टेस्ट मैच में एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। पंत ने न केवल एमएस धोनी को पीछे छोड़ दिया, बल्कि SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में एशिया के सबसे सफल विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं। ये उपलब्धि न सिर्फ आंकड़ों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बताती है कि टेस्ट क्रिकेट में अब भारत की नई पीढ़ी किस ऊंचाई को छू रही है।
ऋषभ पंत की रिकॉर्ड तोड़ पारी
इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट के पहले दिन ऋषभ पंत ने नाबाद 65 रन की शानदार पारी खेली। इस दौरान उन्होंने टेस्ट करियर में 3000 रन भी पूरे कर लिए। उन्होंने यह मुकाम सिर्फ 76 पारियों में हासिल किया, जबकि एमएस धोनी ने इतने रन 144 पारियों में बनाए थे। इस आंकड़े से यह साफ है कि पंत न केवल लगातार रन बना रहे हैं बल्कि तेज़ी से भी आगे बढ़ रहे हैं।
SENA देशों में एशिया के नंबर वन विकेटकीपर बल्लेबाज़
SENA देशों में खेले गए 27 टेस्ट मैचों में ऋषभ पंत ने अब तक 1,746 रन बना लिए हैं, जिसमें 4 शतक और 6 अर्धशतक शामिल हैं। उनका औसत 38.80 है, जो इन कठिन विदेशी परिस्थितियों में बेहद प्रभावशाली माना जाता है।
दूसरी ओर, धोनी ने SENA में 32 मैचों में 1,731 रन बनाए थे। यानी पंत ने धोनी को कम मैचों और पारियों में ही पछाड़ दिया है।
3000 टेस्ट रन सबसे तेज पूरे करने वाले विकेटकीपरों में दूसरे
इस पारी के साथ ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में तीन हजार रन पूरे कर लिए और इस उपलब्धि तक सबसे तेज़ पहुंचने वाले विकेटकीपरों में दूसरे नंबर पर आ गए हैं।
पहले स्थान पर हैं ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट, जिन्होंने 63 पारियों में 3000 रन पूरे किए थे। पंत ने यह कारनामा 76 पारियों में किया।
भारत के लिए बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज सर्वाधिक टेस्ट रन
पंत अब भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले विकेटकीपर बन गए हैं। शीर्ष सूची इस प्रकार है:
—एमएस धोनी – 4,876 रन (144 पारियां)
—ऋषभ पंत – 3,013* रन (76 पारियां)
—सैयद किरमानी – 2,759 रन (124 पारियां)
—फारुख इंजीनियर – 2,611 रन (87 पारियां)
—नयन मोंगिया – 1,442 रन (68 पारियां)
गिल और पंत की साझेदारी बनी भारत की ताकत
पहले टेस्ट के पहले दिन पंत ने कप्तान शुभमन गिल के साथ मिलकर 138 रनों की साझेदारी की, जिसने भारत को एक मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। पंत ने अपनी पारी में 102 गेंदों में 6 चौके और 2 छक्के लगाकर ये सुनिश्चित किया कि टीम का रनरेट तेज़ रहे और विपक्षी गेंदबाज़ों पर दबाव बना रहे।
ऋषभ पंत की यह उपलब्धि सिर्फ एक व्यक्तिगत मील का पत्थर नहीं, बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य की झलक है। जब भी कोई विकेटकीपर-बल्लेबाज विदेशों में ऐसी बल्लेबाज़ी करता है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनता है। एमएस धोनी का रिकॉर्ड तोड़ना आसान नहीं था, लेकिन पंत ने अपने निरंतर प्रदर्शन से दिखा दिया है कि वो अब भारत के टेस्ट भविष्य के सबसे अहम स्तंभों में से एक हैं।