
राजस्थान में हुए चर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ अब दर्शकों के सामने आने के लिए पूरी तरह तैयार है। फिल्म लंबे समय से विवादों में रही और इसके रिलीज को लेकर कई कानूनी अड़चनें आईं। अब सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस पर लगी तमाम आपत्तियों को नकारते हुए फिल्म के प्रदर्शन का रास्ता साफ कर दिया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) द्वारा तय मानदंडों के अनुसार फिल्म को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। इस मंजूरी के बाद फिल्म को 8 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज करने की अनुमति मिल गई है।
55 संशोधनों के बाद मिली मंजूरी
फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस विषय पर सख्त रुख अपनाया था। अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देशित किया था कि फिल्म की समीक्षा सिनेमैटोग्राफ एक्ट के अंतर्गत फिर से की जाए। इसके चलते एक विशेष कमेटी गठित की गई, जिसने फिल्म में 55 दृश्य हटाने या संशोधित करने की सिफारिश की। निर्माताओं ने इन सभी सुझावों को मान लिया। मंत्रालय ने इसके बाद यह स्पष्ट किया कि अब फिल्म को रोकने अथवा उसमें और बदलाव की कोई वैध वजह नहीं बची है। इसी के तहत, फिल्म पर दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं।
निर्माता अमित जानी ने दर्शकों से की खास अपील
फिल्म के निर्माता अमित जानी ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो साझा कर फिल्म की रिलीज की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “हमने इस फिल्म को अत्यंत सावधानी और संतुलन के साथ बनाया है। हमारा मकसद किसी विशेष वर्ग या समुदाय को ठेस पहुँचाना नहीं है, बल्कि एक सच्ची और भयावह घटना को समाज के सामने लाना है।” उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि लोग फिल्म को देखें और स्वयं तय करें कि इसमें क्या सही और क्या अनुचित है।
फिल्म नहीं है किसी धर्म विरोधी – पीड़ित परिवार की भी सहमति
कन्हैयालाल के बेटे यश ने NDTV से बातचीत में जानकारी दी कि फिल्म पहले 11 जुलाई को रिलीज होनी थी, लेकिन इससे कुछ दिन पहले कोर्ट के आदेश पर इसकी रिलीज पर रोक लगा दी गई। यश ने बताया कि जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि फिल्म में ऐसा कोई दृश्य या संवाद नहीं है जो किसी धर्म, संप्रदाय या समुदाय के खिलाफ हो। ऐसे में अब इसे रिलीज करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है।














