यशराज फिल्म्स को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, ट्रेलर में दिखाए दृश्य गीत सिर्फ चर्चा का माध्यम

By: Rajesh Bhagtani Tue, 23 Apr 2024 8:15:04

यशराज फिल्म्स को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, ट्रेलर में दिखाए दृश्य गीत सिर्फ चर्चा का माध्यम

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शाहरुख खान अभिनीत और यशराज फिल्म्स निर्मित और निर्देशक मनीष द्वारा निर्देशित फिल्म फैन (FAN) के ट्रेलर को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘फिल्म के ‘प्रमोशनल ट्रेलर’ में एक गीत, संवाद या एक संक्षिप्त दृश्य को विज्ञापनों के विविध उपयोग के संदर्भ में देखा जा सकता है। इनका उपयोग फिल्म की रिलीज के बारे में प्रचार करना या लोगों के बीच चर्चा का विषय बनाने के लिए किया जा सकता है, न कि केवल फिल्म की सामग्री के बारे में जानकारी प्रस्तुत करने के लिए...।’’

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष उपभोक्ता विवाद निकाय के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसने शाहरुख की फिल्म फैन (FAN) से जुड़े मामले में जुर्माना लगाया था। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने 2016 में आई शाहरुख खान-स्टारर फिल्म "फैन" में एक गाना शामिल नहीं करने के लिए YRF (यश राज फिल्म्स) पर जुर्माना लगाया था।

तथ्य इस प्रकार है कि YRF ने फिल्म फैन के ट्रेलर में एक गाना दिखाया था, लेकिन उसे फिल्म में शामिल नहीं किया था। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने यशराज फिल्म्स को बॉलीवुड फिल्म ‘फैन’ के एक गाने को बाहर करने से नाराज उपभोक्ता को मुकदमे की लागत के अलावा 10,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था।


अब सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए कहा कि ‘ट्रेलर’ में एक गीत, संवाद या एक संक्षिप्त दृश्य का इस्तेमाल फिल्म की रिलीज के बारे में लोगों के बीच चर्चा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है और यह इसकी सामग्री के बारे में जानकारी प्रस्तुत नहीं करता है। फिल्म निर्माण कंपनी द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि सेवा में कोई ‘कमी’ नहीं थी और शिकायतकर्ता ने गलत तरीके से मान लिया कि ‘प्रमोशनल ट्रेलर’ एक प्रस्ताव या वादा है।

शीर्ष अदालत ने यश राज फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एनसीडीआरसी के एक आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई के दौरान यह फैसला दिया। एनसीडीआरसी ने राज्य आयोग के वर्ष 2017 के उस फैसले को बरकरार रखा था जिसमें आफरीन फातिमा जैदी को 10,000 रुपये का मुआवजा और मुकदमेबाजी के खर्च के रूप में 5,000 रुपये देने के लिए कहा गया था।

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