उपसभापति ने जानबूझकर मुझे नजरअंदाज किया, इसीलिए मुझे वेल में जाना पड़ा: खड़गे
By: Rajesh Bhagtani Fri, 28 June 2024 4:18:02
नई दिल्ली। राज्यसभा में हुए हंगामे के बाद शुक्रवार को उसे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। सदन के अंदर नीट मामले को लेकर ऐसा हंगामा हुआ कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पूरा विपक्ष वेल तक आ गया। राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि मैंने सदन में 10 मिनट तक हाथ ऊपर करके रखा लेकिन चेयरमैन ने मेरी तरफ नहीं देखा।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, राज्यसभा के उपसभापति ने जानबूझकर मुझे नजरअंदाज करके मेरा अपमान किया। उनका ध्यान खींचने के लिए मैं अंदर (वेल में) गया।"
सदन से बाहर आकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हम NEET घोटाले पर 267 के नियम के तहत सदन में चर्चा करके इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज उठाना चाहते थे। इस वजह से लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा। हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे. हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया।"
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सभापति केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे। मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए 10 मिनट तक हाथ उठाया, खड़ा हुआ, संसदीय गरिमा और नियमों का पालन किया, फिर भी उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता की ओर नहीं देखा।"
7 वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं, करोड़ों युवाओं से मोदी सरकार ने विश्वासघात किया है।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 28, 2024
हम NEET घोटाले पर 267 के नियम के तहत सदन में चर्चा कर के, इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज़ उठाना चाहते थे। इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा।… pic.twitter.com/LDIag9RVhl
विपक्ष के नेता ने कहा, "जब नेता विपक्ष नियमानुसार सभापति का ध्यान आकर्षित करता है, तो उन्हें उसकी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय उन्होंने मुझे अपमानित करने के लिए जानबूझकर मुझे नजरअंदाज कर दिया। ऐसे में मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा, इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह सभापति साहब की गलती है।"