IMA के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल, अध्यक्ष ने माँगी माफी, अपना ही नुकसान कर लिया

By: Rajesh Bhagtani Tue, 07 May 2024 6:13:34

IMA के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल, अध्यक्ष ने माँगी माफी, अपना ही नुकसान कर लिया

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पंतजलि आयुर्वेद के खिलाफ भ्रामक प्रचार का मुकदमा दायर करने वाली पार्टी IMA के रवैये पर सवाल उठे हैं। यह सवाल कोई और नहीं बल्कि खुद सुप्रीम कोर्ट ने ही उठाए हैं। कोर्ट की फटकार के बाद बाबा रामदेव और आर्चाय बालकृष्ण ने निजी तौर पर अपने बयान को लेकर माफी मांगी थी। कोर्ट में माफी मांगने के बाद कंपनी ने अखबारों के माध्यम से भी लोगों से माफी मांगी गई थी।

अखबार में पंतजलि के माफी वाले पत्र के बाद IMA के अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने एक इंटरव्यू देकर खुद को कोर्ट के निशाने पर ले लिया। कोर्ट ने IMA के रवैये पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप पंतजलि पर भ्रामक विज्ञापन को लेकर सवाल उठा रहे थे। उनकी दवाओं को हटाने की बात कर रहे थे। लेकिन आपने कौन सा कदम उठाया। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेच ने ये सुनवाई की।

इसी पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने IMA की खिंचाई की। इस तरह नजारा बदला हुआ दिखा और जो अदालत अब तक पतंजलि की खिंचाई कर रही थी, उसी ने IMA के रवैये पर सवाल उठाए। इस पर IMA की ओर से पेश वकील पीएस पटवालिया ने कहा कि हम अदालत की प्रशंसा करते हैं। लेकिन आरवी अशोकन ने एक सवाल उठाया था, जो मुख्य बात है।

वकील ने कहा कि IMA के अध्यक्ष का ऐसा मकसद नहीं था कि अदालत के बारे में कुछ गलत कहा जाए। इस पर बेंच ने कहा कि यह कोई मामूली बात नहीं है। IMA के अध्यक्ष ने मीडिया से ऐसे मामले में बात की है, जिस पर अदालत में सुनवाई चल रही थी। यही नहीं अदालत ने कहा कि IMA के वकील का जवाब हमें संतुष्ट नहीं कर सकता। बेंच ने कहा, 'यह देखिए कि उन्होंने अपना ही क्या नुकसान कर लिया। देखते हैं, हो सकता है कि हम आपको एक मौका दें।' जस्टिस कोहली ने कहा, 'एक बात हम साफ कर दें कि अदालत यह उम्मीद नहीं करती कि कोई पीठ पीछे हमला करे। इस अदालत को भी आलोचना का सामना करना पड़ा है। हम उसके लिए तैयार हैं, लेकिन...।'

इस पर IMA के वकील पीएस पटवालिया ने कहा कि हमें अगली सुनवाई तक मौका दिया जाए। उन्होंने कहा, 'IMA के अध्यक्ष माफी मांगते हैं। उन्हें यह समझ आया गया है कि उन्हें अपनी जुबान बंद रखनी चाहिए थी।' इस पर अदालत ने कहा कि देखिए मामला कैसे आगे बढ़ता है। अदालत की बात आप पर भी उतनी ही लागू होती है, जितनी पतंजलि आयुर्वेद पर होती है। गौरतलब है कि IMA अध्यक्ष के इंटरव्यू को लेकर आचार्य बालकृष्ण ने अर्जी दाखिल की थी, जो पतंजलि आयुर्वेद के एमडी हैं।

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