भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते सैन्य तनाव के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री और डिप्टी प्रधानमंत्री इशाक डार ने शांति की पहल करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि भारत इस समय अपनी कार्रवाई को रोकता है, तो पाकिस्तान भी जवाबी कदम उठाने से पीछे हटने को तैयार है।
जियो न्यूज से बातचीत में इशाक डार ने कहा, “हम अपना नुकसान नहीं चाहते। हम न तो विनाश चाहते हैं और न ही संसाधनों की बर्बादी। पाकिस्तान ने हमेशा शांति की वकालत की है।” उन्होंने आगे कहा, “अगर भारत इस समय पीछे हटता है, तो हम भी उस पर विचार करेंगे। हम किसी भी जवाबी कार्रवाई में दिलचस्पी नहीं रखते। हमारा उद्देश्य स्पष्ट है—हम वास्तव में शांति चाहते हैं।”
डार के इस बयान को पाकिस्तान की ओर से एक संभावित ‘डिप्लोमैटिक सरेंडर’ के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब भारतीय सेना और वायुसेना ने सीमापार सटीक कार्रवाई कर कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने इशाक डार से की सीधी बातचीत, तनाव कम करने पर दिया जोर
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सीमा पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइलों के ज़रिए हमले की बार-बार कोशिशें हो रही हैं, जिनका भारतीय सेना पूरी सटीकता और संयम के साथ जवाब दे रही है।
इसी बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार से सीधे संपर्क कर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की अपील की। अमेरिकी विदेश विभाग के आधिकारिक बयान के अनुसार, अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान को सीधी बातचीत बहाल करने की सलाह दी है। विदेश मंत्री रुबियो ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस प्रकार के सैन्य तनाव को केवल संवाद और कूटनीति के ज़रिए ही कम किया जा सकता है।
पाकिस्तान ने की फिर से 26 जगहों पर हमले की कोशिश
शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से भारत के 26 स्थानों पर मिसाइल और ड्रोन के माध्यम से हमला करने का प्रयास किया गया। इसके जवाब में भारतीय सेना ने प्रभावी जवाबी कार्रवाई की। सेना ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने जवाबी हमलों से खुद को बचाने के लिए अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में एयरस्पेस बंद नहीं किया और न ही नागरिक विमानों की उड़ानों पर रोक लगाई। यह रणनीति न सिर्फ खतरनाक थी, बल्कि इससे नागरिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ी।