महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख नेता आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कई अहम मुद्दों को उठाया। इस दौरान उन्होंने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के संभावित एक साथ आने की अटकलों पर भी बड़ा बयान दिया, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा, "यह संवाद एकतरफा नहीं बल्कि दोनों तरफ से हुआ है, लेकिन यह बातचीत सिर्फ प्रेस में हुई है। हमने यही कहा है कि यदि बात महाराष्ट्र, समाज और देश के हित की हो, और कोई भी व्यक्ति इस भ्रष्टाचारी सरकार के खिलाफ साफ दिल से साथ आना चाहता है — जो सरकार एंटी महाराष्ट्र, एंटी मुंबई है — तो हम उसका खुले दिल से स्वागत करते हैं।"
केंद्र सरकार पर बेरोजगारी और महंगाई को लेकर निशाना
देश की आर्थिक स्थिति पर बोलते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, "यह अच्छी बात है कि अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, लेकिन साथ ही रोजगार और लोगों की आमदनी भी बढ़नी चाहिए। देश में आज सबसे गंभीर समस्या महंगाई और बेरोजगारी है। सरकार इन मुद्दों पर कितनी गंभीर है, यह समझ नहीं आता। क्योंकि जब सरकार के किसी सदस्य से सवाल पूछो, तो जवाब मिलता है — भजिया तलो।"
रामचंद्र जांगड़ा के बयान और 'मन की बात' पर तंज
बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के विवादित बयान पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह बयान बीजेपी की असली मानसिकता को उजागर करता है, जिसे वे अब तक छुपाते आए थे। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की 'मन की बात' पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "मैंने कभी मन की बात नहीं सुनी, तो मुझे नहीं पता उन्होंने क्या कहा। लेकिन हम तो दिल की बात करते हैं।"
ऑल पार्टी डेलिगेशन पर सवाल
ऑल पार्टी डेलिगेशन के संदर्भ में आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया, "जब हम विदेशों में ऑल पार्टी डेलिगेशन भेजते हैं, तो फिर यहां एनडीए और नॉन एनडीए का भेद क्यों किया जा रहा है? अगर देश एक है, तो फिर यह विभाजन क्यों? हमारी मांग है कि विशेष सत्र बुलाया जाए।"
मानसून पर भी उठाया भ्रष्टाचार का मुद्दा
मानसून को लेकर उन्होंने कहा, "मानसून की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन न तो सड़कों की मरम्मत हुई है और न ही नालों की सफाई। केवल भ्रष्टाचार हुआ है। इस भ्रष्ट सरकार के लोगों की जेबों में सिर्फ भ्रष्टाचार की बारिश हुई है।"