देश में बढ़ता ब्लैक फंगस, अब तक मिले करीब 5500 मरीज; 126 की हो चुकी मौत
By: Pinki Fri, 21 May 2021 09:48:32
भारत में म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस (Black Fungus) का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अहम निर्देश देते हुए कहा था कि ब्लैक फंगस को महामारी कानून के तहत अधिसूचित करें और सभी मामले केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट करें।
आपको बता दे, अब तक देश भर में म्यूकर माइकोसिस के करीब 5500 मरीज सामने आ चुके है वहीं, 126 मौतें भी हो चुकी है। अब तक 7 राज्यों ने इस संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया है।
हालात इतने खराब हो चुके हैं कि कई राज्य इस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाले लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी की कमी का सामना कर रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली, तेलंगाना, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा, गुजरात, कर्नाटक और केरल जैसे कम से कम 10 राज्यों ने कहा है कि उनके यहां दवा खत्म हो चुकी है या स्टॉक तेजी से खत्म हो रहा है। इनमें से कुछ राज्यों ने कहा है कि निजी फार्मेसी में भी कोई स्टॉक नहीं है।
महाराष्ट्र अप्रैल की शुरुआत से ही लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी की कमी से जूझ रहा है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, 'राज्य के 1.50 लाख वायल्स की जरूरत है, लेकिन केंद्र की तरफ से केवल 16000 वायल प्राप्त हुए हैं।' राज्य सरकार ने दवा की खरीदी के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों को ब्लैक फंगस के स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट के मंत्रालय और आईसीएमआर की ओर से जारी दिशा-निर्देश का पालन कराया जाए। इसके साथ म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत एक अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए।
90 मौत महाराष्ट्र में
मौतों के लिहाज से महाराष्ट्र (Maharashtra) टॉप पर बना हुआ है। यहां, अब तक 90 लोगों की ब्लैक फंगस से मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में अब तक ब्लैक फंगस के 1500 मरीज मिल चुके है।
इसके अलावा हरियाणा में यह आंकड़ा 14 और उत्तर प्रदेश में 8 पर है। सभी 8 मरीजों की मौत राजधानी लखनऊ में ही हुई।
हाल ही में बिहार के पटना में ब्लैक के बाद अब व्हाइट फंगस के मरीज भी मिले हैं। व्हाइट फंगस ब्लैक के मुकाबले ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।
ब्लैक फंगस से झारखंड में 4, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में 2-2 मरीजों की मौत हो चुकी है।
इसके अलावा बिहार, असम, ओडिशा और गोवा में 1-1 मौत हुई। फिलहाल कुछ राज्यों ने अभी तक म्यूकरमाइकोसिस के मामलों और मौतों पर आंकड़े नहीं जुटाए हैं।
गुरुवार को गुजरात ने भी इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है। इससे पहले राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना ने इसे महामारी बीमारी घोषित किया है। इसके बाद अब इन राज्यों में म्यूकरमाइकोसिस के हर मामले को राज्य सरकार की जानकारी में लाना जरूरी हो गया है।
क्या हैं म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस ?
म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस म्यूकरमाइसेल्स नाम की फंफूद से पनपता है। ये मिट्टी, पेड़ों और सड़ते हुए जैविक पदार्थों में पाई जाती है। अगर आप मिट्टी में काम कर रहे हैं, बागवानी कर रहे हैं तो इसे आसानी से बाहर से घर में ला सकते हैं।
हालांकि, ये घर में भी मिलती है। सड़ती हुई ब्रेड और फलों में भी ब्लैक फंगस हो सकती है। ये एयरकंडीशनर के ड्रिप पैन में भी हो सकती है। यानी ये हमारे आसपास हर जगह है। यह फंगस भारत में उन कोरोना मरीजों में जिनका इलाज चल रहा है, या जो संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
मरीजों में ब्लैक फंगस का संक्रमण बेहद खतरनाक है, क्योंकि इसकी चपेट में आए करीब 50% मरीजों की जान चली गई है। इस फंगस के निशाने पर वो लोग बन रहे हैं, जिनका इम्युन सिस्टम कमजोर है। इस कमजोर इम्युनिटी की वजह अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल और कीमियोथैरेपी भी हो सकती है।