खड़गे ने किया PM मोदी पर कटाक्ष, देना चाहिए देश के बुनियादी आर्थिक मुद्दों पर ध्यान
By: Rajesh Bhagtani Fri, 12 July 2024 4:20:24
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार को बुनियादी मुद्दों से दूर रखने के लिए "पीआर का इस्तेमाल" किया, लेकिन जून में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद लोग अब जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
खड़गे ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब वह आगामी बजट के लिए कैमरों की छाया में बैठकें कर रहे हैं, तो उन्हें देश के बुनियादी आर्थिक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने हिंदी में एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "नरेंद्र मोदी जी, आपकी सरकार ने करोड़ों लोगों को बेरोजगारी, महंगाई और असमानता के गर्त में धकेल कर उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी है।" सरकार की "विफलताओं" को गिनाते हुए खड़गे ने कहा कि 9.2 प्रतिशत की बेरोजगारी दर के कारण युवाओं का भविष्य अंधकार में है।
खड़गे ने कहा, "20-24 वर्ष की आयु के लोगों के लिए बेरोजगारी दर 40% तक बढ़ गई है, जो युवाओं के बीच नौकरी के बाजार में गंभीर संकट को उजागर करती है।" उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने और लागत के 50 प्रतिशत के बराबर एमएसपी देने का वादा झूठा साबित हुआ है।
हाल ही में 14 खरीफ फसलों के एमएसपी पर मोदी सरकार ने फिर साबित कर दिया है कि वह स्वामीनाथन रिपोर्ट की एमएसपी सिफारिश को केवल "चुनावी हथकंडा" के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है, उन्होंने दावा किया।
कांग्रेस नेता ने कहा, "जिन 7 सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की अधिकांश हिस्सेदारी बेची गई है, उनमें 3.84 लाख सरकारी नौकरियां चली गई हैं! इससे एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस आरक्षित पदों के लिए भी नौकरियां चली गई हैं।"
उन्होंने कहा कि 2016 से अब तक मोदी सरकार ने जिन 20 शीर्ष सार्वजनिक
उपक्रमों में छोटी हिस्सेदारी बेची है, उनमें 1.25 लाख लोगों की सरकारी
नौकरी चली गई है। उन्होंने बताया कि सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप
में विनिर्माण यूपीए सरकार के दौरान 16.5 प्रतिशत से गिरकर मोदी सरकार के
दौरान 14.5 प्रतिशत हो गया है।
उन्होंने कहा, "पिछले 10 वर्षों में
निजी निवेश में भी भारी गिरावट आई है। नई निजी निवेश योजनाएं, जो जीडीपी का
एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, अप्रैल से जून के बीच केवल 44,300 करोड़ रुपये
के साथ 20 साल के निचले स्तर पर आ गईं। पिछले साल इस अवधि के दौरान 7.9 लाख
करोड़ रुपये का निजी निवेश हुआ था।"
खड़गे ने यह भी आरोप लगाया कि महंगाई का कहर चरम पर है। उन्होंने कहा कि आटा, दाल, चावल, दूध, चीनी, आलू, टमाटर, प्याज और सभी आवश्यक खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।
उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह है कि परिवारों की घरेलू बचत 50 साल में सबसे निचले स्तर पर है। खड़गे ने कहा कि आर्थिक असमानता 100 साल में सबसे अधिक है, जबकि ग्रामीण भारत में मजदूरी वृद्धि नकारात्मक है।
उन्होंने कहा, "ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी काफी बढ़ गई है और यह मई में 6.3% से बढ़कर अब 9.3% हो गई है। मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों के औसत दिनों की संख्या में कमी आई है।"
खड़गे ने कहा, "मोदी जी, 10 साल हो गए हैं, आपने अपने पीआर का इस्तेमाल करके सरकार को लोगों के बुनियादी मुद्दों से दूर रखा, लेकिन जून 2024 के बाद यह नहीं चलेगा, जनता अब जवाबदेही मांग रही है।" देश की अर्थव्यवस्था के साथ मनमानी छेड़छाड़ अब बंद होनी चाहिए।