हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीज़फायर समझौते ने भले ही सरहदों पर सन्नाटा ला दिया हो, लेकिन अब खतरे की नई शक्ल उभर रही है — इस बार दुश्मन बंदूक नहीं, मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक गंभीर अलर्ट जारी किया है। चेतावनी दी गई है कि आम नागरिकों से लेकर रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों और पत्रकारों तक, सभी साइबर हमलों के निशाने पर हो सकते हैं।
फोन पर बिछाया जा रहा जासूसी का जाल
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, कुछ संदिग्ध कॉल्स भारत के नागरिकों को की जा रही हैं। कॉल करने वाले खुद को भारतीय सेना या किसी खुफिया एजेंसी का अधिकारी बताते हैं। खासतौर पर पत्रकार, रिटायर्ड सैन्य अधिकारी और सामान्य नागरिक इनके निशाने पर हैं। ये जासूस बातचीत में चतुराई से सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियां हासिल करने की कोशिश करते हैं।
+91 7340921702 नंबर से आए कॉल को करें ब्लॉक
विशेष रूप से चेतावनी दी गई है कि अगर आपको +91 7340921702 जैसे किसी नंबर से कॉल आए, तो तुरंत सतर्क हो जाएं। हालांकि नंबर भारत का लगता है, लेकिन इसमें स्पूफिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है। इस तकनीक से असली नंबर छिप जाता है और नकली नंबर स्क्रीन पर दिखाई देता है। कॉलर आपसे “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे संवेदनशील विषयों पर सवाल पूछ सकता है। याद रखें – कोई भी असली सैन्य अधिकारी फोन पर गोपनीय जानकारी नहीं मांगता।
अपनी सुरक्षा खुद करें सुनिश्चित – इन बातों का रखें ध्यान
- अनजान कॉल्स पर अपनी पहचान या कोई भी निजी जानकारी न साझा करें।
- कॉल करने वाला चाहे जितना भी विश्वसनीय लगे, आँख मूंदकर विश्वास न करें।
- कॉल पर ज़रा भी संदेह हो तो तुरंत कॉल काट दें और नंबर ब्लॉक करें।
- घटना की सूचना नजदीकी पुलिस थाने या साइबर क्राइम पोर्टल पर जरूर दें।
WhatsApp और ईमेल के जरिए भी हो रहा हमला
सिर्फ कॉल ही नहीं, बल्कि WhatsApp, ईमेल और सोशल मीडिया के माध्यम से भी फर्जी फाइलें, लिंक और वीडियो भेजे जा रहे हैं। कुछ संदिग्ध फाइलें जैसे "tasksche.exe" दिखने में सामान्य लगती हैं, लेकिन वे वायरस से भरी होती हैं और आपके फोन या कंप्यूटर का सारा डाटा चुरा सकती हैं।
इन डिजिटल खतरों से कैसे बचें?
- अनजान नंबरों से आई किसी भी फाइल, लिंक या वीडियो को न खोलें।
- .apk, .exe जैसी अज्ञात फाइलों से सावधानी बरतें।
- अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर में हमेशा एक भरोसेमंद एंटीवायरस इंस्टॉल रखें।
अब युद्ध सीमा पर नहीं, साइबर स्पेस में हो रहा है
भले ही सीमा पर बंदूकें शांत हो गई हों, लेकिन दुश्मन अब तकनीक के ज़रिए हमला कर रहा है। भारतीय सुरक्षा में सेंध लगाने के इस नए तरीके से निपटने के लिए हर नागरिक की सतर्कता बेहद जरूरी है। याद रखें — आपकी सतर्कता ही देश की असली सुरक्षा है।