दिल्ली में 4% से अधिक कोरोना पॉजिटिविटी रेट, क्या फिर बंद हो सकते हैं स्‍कूल!

By: Priyanka Maheshwari Mon, 18 Apr 2022 12:05:43

दिल्ली में 4% से अधिक कोरोना पॉजिटिविटी रेट, क्या फिर बंद हो सकते हैं स्‍कूल!

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक बार फिर से बढ़ते दिख रहे हैं। दिल्‍ली और NCR में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है जिसको देखते हुए एक बार फिर स्‍कूली पढ़ाई पर खतरा मंडराने लगा है। बीते सप्‍ताह 13 से ज्‍यादा बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए जिसके बाद नोएडा के 3 और गाजियाबाद का एक स्‍कूल को बंद कर दिया गया। दिल्‍ली के भी 1 स्‍कूल में टीचर और स्‍टूडेंट के संक्रमित पाए जाने के बाद बच्‍चों को वापस भेज दिया गया था। NCR के बंद हुए स्‍कूल आज फिर कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए खोले गए हैं मगर संक्रमण का रफ्तार अभी थमती नहीं दिख रही है।

गौतमबुद्ध नगर में, बीते 24 घंटों में 19 स्‍कूली छात्र समेत कुल 65 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। हालांकि, 13 लोगों ने कोरोना को मात भी दी है। वहीं, राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में बीते दिन 517 नए कोरोना के मामले आए हैं। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अनुसार, दिल्‍ली में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4% से ज्यादा हो गई है। ऐसे में स्‍टूडेंट्स और पैरेंट्स को एक बार फिर स्‍कूल बंद होने की चिंता सताने लगी है। एजेंसी के अनुसार, प्राइवेट स्‍कूलों के हेड भी बच्‍चों में बढ़ते संक्रमण के मामलों के चलते चिंतित हैं।

बता दें कि दिल्‍ली के शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने स्‍कूलों के लिए नई कोरोना गाइडलाइंस जारी की हैं। स्‍कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी संक्रमण का मामला प्रकाश में आने पर उस संबंधित विंग को बंद कर छात्र को आइसोलेट करना चाहिए और पूरे स्‍कूल को बंद करने की जरूरत नहीं है। उन्‍होंने यह भी कहा कि अभी चिंता की कोई बात नहीं है। भले ही संक्रमण की रफ्तार कुछ बढ़ी है मगर हॉस्पिटलाइज़ेशन अभी नहीं बढ़ रहा है। स्थिति फिलहाल काबू में है इसलिए चिंता की बात नहीं है। दिल्‍ली में अभी स्‍कूलों को बंद करने को लेकर सरकार का कोई विचार नहीं है।

चौथी लहर की संभावना नहीं

आपको बता दे, बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश में चौथी लहर की आशंका घर करने लगी है। हालांकि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने इस बीच एक राहत भरी खबर दी है। उन्होंने दावा किया कि फिलहाल भारत में कोरोना संक्रमण की चौथी लहर की संभावना नहीं। उन्होंने अपने गणितीय सूत्र के अनुसार दावा किया कि वायरस के पुराने म्यूटेंट ही अपना असर दिखा रहे हैं। प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल का कहना है कि करोड़ों की आबादी में 70-80 केस हो जाने से कोविड संक्रमण की गंभीरता का पता नहीं लगाया जा सकता है। अगर म्यूटेंट में बदलाव होता है और कोई नया वायरस आता है तो उस वक्त की स्थिति पर अभी टिप्पणी नहीं की जा सकती। फिलहाल तो देश में वायरस के पुराने म्यूटेंट ही असर दिखा रहे हैं।

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com