बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटों पर संतोष करना पड़ा। कांग्रेस लगातार तीसरी बार 'जीरो' पर सिमट गई। बीजेपी ने दिल्ली में 1993 में पहली बार जीत हासिल की थी, और उसके बाद 27 वर्षों तक उसे सत्ता से बाहर रहना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "कांग्रेस ने 2014 के बाद हिंदू बनने की कोशिश की, मंदिरों में गए, माला पहनने लगे, और ये सब कुछ सोचा कि इससे बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाकर कुछ वोट ले आएंगे। लेकिन जब ये कोशिशें असफल रहीं, तो उन्होंने यह काम बंद कर दिया। उन्हें समझ में आ गया कि दिल्ली बीजेपी का ही गढ़ है, यहां उनकी दाल गलने वाली नहीं है।"
प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी कांग्रेस के वोट बैंक को लेकर थी, जो अब बीजेपी की बढ़ती ताकत के सामने बेअसर हो गई है।
कांग्रेस ने 5-7 साल तक हिंदू बनने की कोशिश की
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 2014 के बाद 5-7 साल तक हिंदू बनने की कोशिश की। मंदिर में जाना, माला पहनना , उन्हें लगा कि ऐसा करेंगे तो बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाकर कुछ वोट ले आएंगे, लेकिन जब कुछ नहीं मिला तो ये काम भी बंद कर दिया। उन्हें समझ आ गया कि ये बीजेपी का ही क्षेत्र है यहां हमारी दाल गलने वाली नहीं है। दिल्ली में इंडी गठबंधन के ही दलों ने एकजुट होकर कांग्रेस को उसकी हैसियत बताने की कोशिश की। पूरा इंडिया गठबंधन दिल्ली में पैर रखकर उतरा था, आपने देखा कि क्या हाल हुआ। वो कांग्रेस को रोकने में तो सफल रहे लेकिन आप-दा बचाने में सफल नहीं हो पाए, कांग्रेस का हाथ थामने वाले इसलिए भी नाकामयाब हो रहे हैं, ये कांग्रेस वो नहीं है जो आजादी के वक्त थी, आज कांग्रेस देशहित की नहीं, अर्बन नक्सल की राजनीति कर रहे हैं। ये देश में अराजकता लाने की भाषा बोलती है, दिल्ली में आप-दा भी कांग्रेस की अर्बन नक्सल सोच को आगे बढ़ाने की भाषा बोल रही थी।
पीएम मोदी ने कहा कि जनता ने कांग्रेस को भी बड़ा संदेश दिया है, कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव में जीरो की डबल हैट्रिक लगाई है, देश की राजधानी में देश की सबसे पुरानी पार्टी का लगातार दिल्ली में 6 बार से खाता नहीं खुल रहा है। ये लोग खुद को पराजय का गोल्ड मेडल देते फिर रहे हैं, सच्चाई ये है कि कांग्रेस पर देश बिल्कुल भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है, पिछली बार मैंने कहा था कि कांग्रेस एक परजीवी पार्टी बन चुकी है, ये खुद भी डूबती है अपने साथियों को भी डुबेती है। ये एक-एक कर अपने सहयोगियों को खत्म कर रही है। आज तमिलनाडु में कांग्रेस डीएमके की भाषा बोलती है, कांग्रेस ही जातिवाद का जहर फैलाकर अपनी सहयोगी आरजेडी की जमीन खाने में जुट गई है। यही हाल जम्मू-कश्मीर और बंगाल में किया है आज ये साफ हो गया कि जो भी कांग्रेस का हाथ एक बार थामता है उसका बंटाधार तय है।