कांग्रेस आर्थिक तौर पर ही नहीं, नैतिक और बौद्धिक रूप से भी दिवालिया: जेपी नड्डा

By: Shilpa Thu, 21 Mar 2024 5:45:34

कांग्रेस आर्थिक तौर पर ही नहीं, नैतिक और बौद्धिक रूप से भी दिवालिया: जेपी नड्डा

नई दिल्ली । कांग्रेस ने आज सुबह अचानक से अपने मुख्यालय पर एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया, जिसे मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने सम्बोधित किया था। इस सम्बोधन में तीनों नेताओं ने केंद्र पर निशाना साधा और नरेंद्र मोदी सरकार पर ऐसी स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया, जहां सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस सहित विपक्ष के लिए कोई 'समान खेल का मैदान' नहीं है। कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप का भाजपा द्वारा खंडन किया गया है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि ऐतिहासिक हार के डर से कांग्रेस नेताओं ने भारतीय लोकतंत्र और संस्थानों के खिलाफ बयानबाजी की है।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस का दिवालियापन आर्थिक नहीं है, बल्कि, कांग्रेस पार्टी नैतिक और बौद्धिक रूप से दिवालिया हो गई है।

जेपी नड्डा ने X पर पोस्ट कर कहा कि कांग्रेस को जनता पूरी तरह से खारिज कर देगी और ऐतिहासिक हार के डर से उनके शीर्ष नेतृत्व ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर भारतीय लोकतंत्र और संस्थानों के खिलाफ बयानबाजी की है। वे आसानी से अपनी अप्रासंगिकता का दोष 'वित्तीय परेशानियों' पर मढ़ रहे हैं। दरअसल, उनका दिवालियापन आर्थिक नहीं, बल्कि नैतिक और बौद्धिक है। अपनी गलतियों को सुधारने की बजाय, कांग्रेस अपनी परेशानियों के लिए अथॉरिटीज को दोषी ठहरा रही है। चाहे आईटीएटी हो या दिल्ली हाईकोर्ट, उन्होंने कांग्रेस से नियमों का पालन करने, बकाया करों का भुगतान करने के लिए कहा। लेकिन, पार्टी ने कभी ऐसा नहीं किया।

congress is bankrupt not only financially but also morally and intellectually: jp nadda

नड्डा ने भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आगे कहा कि जिस पार्टी ने हर क्षेत्र, हर राज्य और इतिहास के हर पल में लूट की हो, उसके लिए वित्तीय लाचारी की बात करना हास्यास्पद है। जीप से लेकर हेलिकॉप्टर घोटाले और बोफोर्स तक सभी घोटालों से जमा हुए पैसे का इस्तेमाल कांग्रेस अपने चुनाव प्रचार में कर सकती है। कांग्रेस के पार्ट टाइम नेता कहते हैं कि भारत का लोकतंत्र होना झूठ है, क्या मैं उन्हें विनम्रतापूर्वक याद दिला सकता हूं कि 1975 और 1977 के बीच केवल कुछ महीनों के लिए भारत एक लोकतंत्र नहीं था और उस समय भारत की प्रधानमंत्री कोई और नहीं बल्कि इंदिरा गांधी थीं।

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