बीकानेर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अन्नदाता किसान देश और प्रदेश की आत्मा हैं। अगर किसान का विकास होगा तो देश और प्रदेश का भी विकास होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार का सपना केवल 'कृषि विकास' नहीं, बल्कि 'कृषि गौरव' है। मुख्यमंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) से जुड़ें ताकि वे लाभकारी खेती कर सकें और खुद को सशक्त बना सकें।
मुख्यमंत्री बुधवार को बीकानेर में राजस्थान दिवस कार्यक्रम श्रृंखला के तहत आयोजित किसान सम्मेलन एवं एफपीओ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम किसानों के सम्मान को समर्पित है। किसान सिर्फ खेती नहीं करते, बल्कि जीवन की नींव रखते हैं। उनकी मेहनत से ही भारत ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है और दुनिया में कृषि शक्ति के रूप में उभरा है।
कृषि कार्य में किसान सूरज की तपती धूप, कड़क सर्दी और बारिश के बावजूद अपने खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं। उनका यह त्याग और समर्पण अप्रतिम है।
इस अवसर पर बीकानेर में आयोजित किसान सम्मेलन एवं एफपीओ कार्यक्रम में 30 हजार किसानों को 137 करोड़ रुपये का अनुदान हस्तांतरित किया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि राशि में वृद्धि, मुख्यमंत्री थार सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के दिशा-निर्देश जारी किए गए और मंगला पशु बीमा योजना में लाभार्थियों का दायरा बढ़ाया गया।
कार्यक्रम में महत्वपूर्ण घोषणाएं और दिशा-निर्देश:
पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराए जा रहे औषधियों और टीकों की संख्या बढ़ाकर 200 की गई है। इसके अलावा, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के विभिन्न दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बैल से खेती करवाने पर 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। पीएमएफएमई योजना के तहत तीन एफपीओ को अनुदान और एक एफपीओ को शेयर मनी के चेक वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के लिए किसान हित सर्वोत्तम प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अपने पहले ही वर्ष में किसान सम्मान निधि को 6 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रुपये किया था, जिसे अब 9 हजार रुपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत 20 लाख से अधिक पशुओं का पंजीकरण, पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना के तहत निःशुल्क औषधियां और टीके उपलब्ध कराना, मोबाइल वेटनरी सेवा नंबर 1962 की शुरुआत और राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना के तहत लगभग 34 हजार पात्र गोपालकों को ऋण स्वीकृति जैसी योजनाओं से पशुपालकों को राहत दी जा रही है।
इस वर्ष के बजट में बांसवाड़ा में 20 करोड़ रुपये की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मेज की स्थापना, ग्लोबल राजस्थान एग्री टेक मीट (ग्राम) का आयोजन, और विभिन्न क्षेत्रों में कृषि उपज मंडियां खोलने जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों से राज्य के किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसान उत्पादन संगठन मार्गदर्शिका का विमोचन किया तथा लाभार्थियों से संवाद किया। इस दौरान सफल एफपीओ पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय किसान उत्पादक संगठन मेले का फीता काटकर उद्घाटन किया और विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में एफपीओ के मॉडल के रूप में बनाए गए एफपीओ ट्री नवाचार को सराहा।